नयी दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को बताया कि संसद की कैंटीन (Sansad Canteen) में सांसदों (MP's), अन्य को भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी (Subsidy) बंद कर दी गई है। बिरला ने इससे जुड़े वित्तीय पहलुओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। हालांकि सूत्रों ने बताया कि सब्सिडी समाप्त किये जाने से लोकसभा सचिवालय को सालाना 8 करोड़ रूपये की बचत हो सकेगी। लोकसभा अध्यक्ष ने बजट सत्र की तैयारियों के बारे में बातचीत के दौरान कहा कि उत्तर रेलवे के बजाय अब आईटीडीसी संसद की कैंटीनों का संचालन करेगा।
संसद की कैंटीन को सालाना करीब 17 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही थी, जो अब खत्म हो जाएगी, सांसद अब खाने की लागत के हिसाब से ही भुगतान करेंगे।
बताते हैं कि संसद की कैंटीन में चिकन करी 50 रुपए में तो वहीं वेज थाली 35 रुपए में परोसी जाती है। वहीं थ्री कोर्स लंच की कीमत 106 रुपए निर्धारित है।
वहीं साउथ इंडियन फूड की तो संसद में प्लेन डोसा मात्र 12 रुपए में मिलता है एक आरटीआई के प्रतिउत्तर में 2017-18 में यह रेट लिस्ट सामने आई थी।
सब्सिडी के तहत देश के सांसदों के संसद की कैंटीन में खाना काफी कम दाम पर मिलता था, गौरतलब है कि सब्सिडी खत्म करने की मांग को काफी दिनों से उठाया जा रहा था।
संसद की कैंटीन में खाने में सब्सिडी खत्म करने को लेकर दो साल पहले भी बात उठी थी, लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में सभी दलों के सदस्यों ने एक राय बनाते हुए इसे खत्म करने पर सहमति जताई थी।
बिरला ने कहा कि 29 जनवरी से शुरू होने वाले संसद सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक होगी और लोकसभा की कार्यवाही शाम चार से रात आठ बजे तक होगी। उन्होंने कहा कि संसद सत्र के दौरान पूर्व निर्धारित एक घंटे के प्रश्नकाल की अनुमति रहेगी।
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