नई दिल्ली। भारत ने मंगलवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का परीक्षण किया। यह परीक्षण भारतीय नौसेना द्वारा किए जा रहे परीक्षणों का हिस्सा है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है।
ब्रह्मोस मिसाइल का एंटी शिप वर्जन लांच
परीक्षण हाल के दिनों में मिसाइल लॉन्च की एक श्रृंखला की पृष्ठभूमि पर आता है। भारतीय वायु सेना (IAF) द्वारा 25 नवंबर को एक परीक्षण भी किया गया था। अपनी कक्षा में सबसे तेज क्रूज मिसाइल, ब्रह्मोस की गति 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना है। जानकारों का कहना है कि इस सफल परीक्षण से भारत का हिंद महासागर में दबदबा बढ़ेगा।
रूस और भारत ने मिलकर इस मिसाइल को किया है विकसित
रूस और भारत द्वारा संयुक्त रूप से विकसित, वायु, भूमि और समुद्री प्लेटफार्मों के साथ ब्रह्मोस के सफल एकीकरण को भी स्वदेशीकरण की दिशा में एक बड़ी छलांग के रूप में देखा जा रहा है। यह सरकार के अपने फ्लैगशिप मेक इन इंडिया स्कीम पर बार-बार जोर देने और 'आत्मानिर्भर' भारत के लिए आह्वान को महत्व देता है।
ब्रह्मोस का कई चक्र में हुआ है परीक्षण
पिछले कुछ महीनों में, भारत ने भूमि, वायु और समुद्र में कई परीक्षण किए हैं। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ चल रही चीनी आक्रामकता के खिलाफ परीक्षण देखे जा सकते हैं, जहां भारतीय और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की टुकड़ियों को कड़वे गतिरोध में बंद कर दिया गया है। चीनी विस्तारवादी डिजाइन हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) और प्रशांत क्षेत्र में भी स्पष्ट हैं, जहां बीजिंग विश्व स्तर पर स्वीकृत समुद्री कानूनों का उल्लंघन कर रहा है और क्षेत्रीय दावों को बढ़ा रहा है।
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