नई दिल्ली: तमिलनाडु के तंजावुर में ब्रह्मोस से लैस सुखोई-30 एमकेआई विमानों की तैनाती के बाद वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों की तैनाती ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस सुखोई 30-एमकेआई लड़ाकू विमान वायुसेना को अधिक दूरी से जमीनी लक्ष्य पर वार करने की घातक क्षमता देगा और खतरे के विश्लेषण के अनुसार उत्तरी क्षेत्रों में भी इसे तैनात किया जाएगा। उन्होंने एएनआई से बातचीत में सुखोई- ब्रह्मोस के कॉम्बिनेशन और पाकिस्तान के बालाकोट जैसे सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन में इसकी इस्तेमाल को लेकर पूछे गए गए सवालों के जवाब दिए।
सोमवार को एएनआई से बात करते हुए ब्रह्मोस से लैस सुखोई लड़ाकू विमान को चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात किए जाने के सवाल पर, वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने कहा, 'हम अपने खतरे के विश्लेषण और योजनाओं के अनुसार इन्हें तैनात नहीं करेंगे। मैं यह नहीं कहूंगा कि हम कहां तैनात करेंगे। उत्तरी क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुसार टास्किंग होगी।' बालाकोट जैसे ऑपरेशन में बह्मोस- सुखोई के इस्तेमाल पर उन्होंने आगे कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है यह हमें ज्यादा दूरी से लक्ष्य पर वार करने के लिए अधिक घातक क्षमता प्रदान करता है। लेकिन इनका इस्तेमाल कहां होगा इसका जवाब तो लक्ष्य निर्धारित होने पर ही किया जाएगा।'
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमान को सोमवार को तंजावुर एयरबेस में शामिल किया गया। यह मिसाइल करीब 300 किलोमीटर तक सटीक निशाना लगा सकती है। आरकेएस भदौरिया ने कहा कि तंजावुर में Su-30 MKI को तैनात करने का निर्णय इसकी रणनीतिक स्थिति के कारण लिया गया था।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, 'हमारे पास हथियार क्षमता के मामले में ब्रह्मोस के साथ सुखोई -30 सबसे मजबूत संयोजन है। तंजावुर के पूर्व और पश्चिम दोनों ओर और हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) तक पहुंच के कारण इसकी तैनाती के लिए सही जगह है।' उन्होंने कहा कि दक्षिण में एक दूसरा लिटोरल कॉम्बैट शिप स्क्वाड्रन भी तैनात करने की योजना है।
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