केंद्र को सेन्ट्रल विस्टा परियोजना के आधारशिला समारोह की मिली अनुमति, विरोध में दायर हुईं कई याचिकाएं

देश
भाषा
Updated Dec 07, 2020 | 16:19 IST

Central Vista Project: इस परियोजना की घोषणा पिछले वर्ष सितम्बर में हुई थी, जिसमें एक नये त्रिकोणाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है। इसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी।

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट 

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केन्द्र सरकार को 10 दिसंबर को ‘सेंट्रल विस्टा परियोजना’ के आधारशिला कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति दे दी। इससे पहले, सरकार ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि इस परियोजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं     का निबटारा होने तक निर्माण कार्य या इमारतों को गिराने जैसा कोई काम नहीं किया जाये। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति दीपक माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ को आश्वासन दिया कि सिर्फ आधारशिला रखने का कार्यक्रम किया जाएगा और वहां कोई निर्माण कार्य, इमारतों को गिराने या पेड़ काटने जैसा कोई काम नहीं होगा।

इस परियोजना की घोषणा पिछले वर्ष सितम्बर में हुई थी, जिसमें एक नये त्रिकोणाकार संसद भवन का निर्माण किया जाना है। इसमें 900 से 1200 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इसके निर्माण का लक्ष्य अगस्त 2022 तक है, जब देश स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा। इस परियोजना के तहत साझा केन्द्रीय सचिवालय 2024 तक बनने का अनुमान है। सरकार की इस परियोजना के खिलाफ न्यायालय में कई याचिकायें दायर की गयी हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पांच दिसम्बर को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 दिसम्बर को नए संसद भवन की आधारशिला रखेंगे। इसका निर्माण कार्य 2022 तक पूरा होने की संभावना है, जिसमें 971 करोड़ रुपये का खर्चा आ सकता है। 

पीठ ने अपने आदेश में कहा, 'कतिपय घटनाक्रम के मद्देनजर यह मामला स्वत: ही सूचीबद्ध किया गया था। सॉलिसीटर जनरल से बातचीत में न्यायालय ने जब अपनी चिंता व्यक्त की तो सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि इन सभी मामलों में न्यायालय का फैसला आने तक संबंधित जगह पर किसी प्रकार की निर्माण वाली गतिविधि नहीं होगी और न ही किसी संरचना को गिराया जायेगा। वृक्षों को अन्यंत्र ले जाने का काम भी विलंबित रखा जायेगा।'

'निर्माण व ध्वस्तीकरण की अनुमति नहीं दी जायेगी'

पीठ ने आदेश में आगे कहा, 'हम इस वक्तव्य को रिकॉर्ड पर लेते हैं। इस तथ्य के मद्देनजर, हम स्पष्ट करते हैं कि प्राधिकारी इस स्थल के स्वरूप में किसी भी प्रकार का बदलाव किये बगैर 10 दिसंबर, 2020 को आधारशिला कार्यक्रम का आयोजन जारी रखने सहित सभी प्रक्रिया से संबंधित कार्यवाही जारी रख सकते हैं।' मामले में सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की गई सुनवाई में पीठ ने मेहता को परियोजना के निर्माण को लेकर सरकार के विचारों की जानकारी देने के लिए पांच मिनट का समय दिया। पीठ ने कहा कि इस परियोजना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर निर्णय होने तक किसी तरह के निर्माण व ध्वस्तीकरण की अनुमति नहीं दी जायेगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि हालांकि इस दौरान केन्द्र सरकार जरूरी कागजी कार्यवाही कर सकती है। केन्द्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के खिलाफ न्यायालय में कई याचिकायें दायर की गयी हैं। न्यायालय ने पांच नवम्बर को उन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली थी, जिनमें केन्द्र की महत्वाकांक्षी ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना पर सवाल उठाए गए हैं। यह योजना लुटियंस दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे दायरे में फैली हुई है।

'जल्दबाजी में नहीं लिया गया फैसला'

सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पहले शीर्ष अदालत में तर्क दिया था कि परियोजना से उस ‘‘धन की बचत’’ होगी, जिसका भुगतान राष्ट्रीय राजधानी में केन्द्र सरकार के मंत्रालयों के लिए किराये पर घर लेने के लिए किया जाता है। मेहता ने यह भी कहा था कि नए संसद भवन का निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया गया और परियोजन के लिए किसी भी तरह से किसी भी नियम या कानून का कोई उल्लंघन नहीं किया गया। केन्द्र ने यह भी कहा था कि परियोजना के लिए सलाहकार का चयन करने में कोई मनमानी या पक्षपात नहीं किया गया और इस दलील के आधार पर परियोजना को रद्द नहीं किया जा सकता कि सरकार इसके लिए बेहतर प्रक्रिया अपना सकती थी।

गुजरात स्थित आर्किटेक्चर कम्पनी ‘एचसीपी डिज़ाइन्स’ ने ‘सेंट्रल विस्टा’ के पुनर्विकास के लिए परियोजना के लिए परामर्शी बोली जीती है। न्यायालय में लंबित याचिकाओं में से याचिका राजीव सूरी की भी है जिन्होंने परियोजना के लिये भूमि उपयोग बदलाव सहित विभिन्न मंजूरियों के खिलाफ दायर की है। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने कहा था कि सेन्ट्रल विस्टा परियोजना के लिये जमीनी स्तर पर किसी प्रकार का बदलाव प्राधिकारी अपनी जोखिम पर करेंगे। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि इस परियोजना का भविष्य उसके फैसले पर निर्भर करेगा।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर