Prashant Bhushan Case: प्रशांत भूषण को थोड़े दिन की और राहत, सुप्रीम कोर्ट ने10 सितंबर तक सुनवाई टाला

देश
ललित राय
Updated Aug 25, 2020 | 12:24 IST

Supreme court verdict on prashanr bhushan: देश की सुप्रीम अदालत ने अवमानना एक और मामले में मशहूर वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ सुनवाई को कुछ और दिनों के लिए टाल दिया है।

प्रशांत भूषण को सजा, सुप्रीम कोर्ट ने किया ऐलान Prasant Bhushan Case Update
अदालत की अवमानना केस में दोषी पाए गए हैं प्रशांत भूषण 
मुख्य बातें
  • प्रशांत भूषण के खिलाफ 2009 का भी एक मामला अवमानना से जुड़ा है
  • प्रशांत भूषण के साथ तरुण तेजपाल को भी जारी किया गया था अवमानना नोटिस
  • इस केस को दूसरे बेंच को हैंडओवर करने पर विचार

 नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में प्रशांत भूषण को फिलहाल कुछ और दिन की राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट के सुनवाई के लिए 10 सितंबर तक फैसला दिया है।  उच्चतम न्यायालय ने कार्यकर्ता-अधिवक्ता प्रशांत भूषण तथा पत्रकार तरूण तेजपाल के खिलाफ 2009 के अवमानना मामले को मंगलवार को दूसरी पीठ को सौंपने का फैसला किया है।एक समाचार पत्रिका को दिए साक्षात्कार में भूषण ने शीर्ष अदालत के कुछ तत्कालीन न्यायाधीशों और पूर्व न्यायाधीशों पर कथित तौर पर कुछ आरोप लगाए थे, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने नवंबर 2009 में भूषण और तेजपाल को अवमानना के नोटिस जारी किये थे। जिस पत्रिका को भूषण ने साक्षात्कार दिया था, उसके संपादक तेजपाल थे।

भूषण के वकील ने दी दलील
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रशांत भूषण की ओर से पेश अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा था कि उनके मुवक्किल की ओर से उठाए गए कम से कम दस प्रश्न ऐसे हैं, जो संवैधानिक महत्व के हैं तथा उन्हें संविधान पीठ को ही देखने की जरूरत है।न्यायमूर्ति बीआर गवई तथा न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी पीठ का हिस्सा हैं।

व्यापक मुद्दे पर विचार के लिए न्याय मित्र की ले सकते हैं मदद
पीठ ने कहा कि ये व्यापक मुद्दे हैं, जिन पर विस्तार से विचार करने की आवश्यकता है। हम इसमें न्याय मित्र की मदद ले सकते हैं और मामले पर एकउपयुक्त पीठ विचार कर सकती है।’’वीडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम से हुई सुनवाई में पीठ ने कहा कि यह मामला काफी समय से लंबित है, इसे 10 सितंबर को एक उपयुक्त पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।दो सितंबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि इस मामले को देखने के लिए समय चाहिए अत: इसे ‘‘एक उपयुक्त पीठ को सौंपते हैं’’।

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