नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को एक बार फिर धमकी भरे कॉल आए हैं। ये कॉल इस बार कनाडा से आए हैं। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में पीएम मोदी की सुरक्षा चूक पर जब सुनवाई चल रही थी तभी वकीलों को फोन पर धमकी दी गई। दरअसल, गत सोमवार को 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) ने शीर्ष अदालत के वकीलों को फोन कर उनसे इस केस से अलग होने की धमकी दी। भारत में प्रतिबंधित इस संगठन ने पंजाब में पीएम मोदी के काफिले को रोकने की जिम्मेदारी भी ली। एसएफजे ने दावा किया कि गत पांच जनवरी को हुसैनीवाला फ्लाईओवर पर पीएम मोदी के काफिले को रोकने की साजिश उसी ने रची थी। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा चूक मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त जज इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में एक समिति गठित कर दी है।
सोमवार को एसएफजे ने सुप्रीम कोर्ट के 40 से 50 वकीलों को धमकी भरे फोन किए। ये सभी पहले से रिकॉर्डेड कॉल लंदन से किए गए। दरअसल, एसएफजे अपने वजूद और ताकत के बारे में बताना चाहता है कि वह भारत में कितना ताकतवर है। वह जता रहा है कि वह चाहे तो पीएम का काफिला भी रोक सकता है और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को धमकी भी दे सकता है। हालांकि, एसएफजे के दावे की पुष्टि नहीं की जा सकती। पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक कैसी हुई इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट ओर से बनाई गई समिति में सामने आएगी। समिति सुरक्षा चूक से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जो जांच समिति बनाई है उसमें जस्टिस इंदु मल्होत्रा, डीजी एनआईए, पंजाब के डीजी सुरक्षा, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल शामित हैं। कोर्ट ने कहा कि यह समिति इस तरह की घटनाओं को टालने के लिए अपना सुझाव भी देगी। समिति से जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
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