दीपावली (Diwali) से पहले सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों को लेकर आदेश जारी कर दिया है जिसमें कहा गया है कि पटाखों पर पूरी तरह से रोक नहीं होगी, कोर्ट ने कहा है कि कम प्रदूषण फैलाने और कम आवाज वाले पटाखों की ही बिक्री की जानी चाहिए साथ ही दीपावली जैसे त्योहारों पर रात 8 से 10 बजे के बीच ही आतिशबाजी की अनुमति होगी।
क्रिसमस, न्यू ईयर, गुरुपर्व जैसे मौकों के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक रात 11 .55 बजे से 12.30 बजे तक के बीच आतिशबाजी की जा सकती है. उन्हीं पटाखों को बेचने और खरीदने की अनुमति होगी जो ग्रीन क्रैकर्स की श्रेणी में हों, जिनसे किसी भी तरह का प्रदूषण कम होता हो। लेकिन सीरीज और लड़ी वाले पटाखों को बनाने, बेचने और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध जारी रहेगा क्योंकि इनसे ज्यादा प्रदूषण और तेज आवाज के साथ-साथ ठोस अपशिष्ट भी ज्यादा निकलता है।
केवल लाइसेंसधारी बाजारों या दुकानों पर ही कम प्रदूषण वाले पटाखों की बिक्री हो सकेगी
किसी भी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर पटाखों की बिक्री नहीं होगी. पटाखों की बिक्री करते हुए पाए जाने पर उन्हें कोर्ट की अवमानना का दोषी माना जाएगा
अगर किसी इलाके में प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री होती है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित पुलिस थाने के थानाध्यक्ष की होगी
केंद्र और राज्य सामुदायिक आतिशबाजी को बढ़ावा देने के तरीके तलाशें ताकि ज्यादा प्रदूषण कम से कम हो. इसके लिए विशेष स्थान पहले से तय किए जाएं
पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) सुनिश्चित करेगा कि तय मानक के स्तर से ज्यादा आवाज वाले पटाखे न बेचे जाएं. PESO तय लेवल से ज्यादा आवाज वाले पटाखों के निर्माता और विक्रेता का लाइसेंस निरस्त कर सकता है
सुप्रीम कोर्ट ने ये अपने आदेश में ये भी कहा कि, 'हम उत्सव के खिलाफ नहीं है ,पर उत्सव मनाने की आड़ में लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ की इजाज़त नहीं दी जा सकती।' देश के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि लोगों को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वास्थ्य का अधिकार है जिसे छीना नहीं जा सकता है।
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