नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर में ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं को लेकर बड़ी समस्या सामने आई है। कई राज्यों और अस्पतालों ने शिकायतें की हैं कि उन्हें पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। अब इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन आवंटन को कारगर बनाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को एक 12-सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मेडिकल ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं के वैज्ञानिक आवंटन के लिए एक कार्यप्रणाली तैयार करने का काम सौंपा जाएगा। अदालत ने कहा है कि सरकार की आवंटन नीति में सुधार की जरूरत है।
अदालत ने कहा कि यह टास्क फोर्स काम करने के लिए अपने तौर-तरीके और प्रक्रिया तैयार करने के लिए भी स्वतंत्र होगी। टास्क फोर्स का उद्देश्य है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन वैज्ञानिक, तर्कसंगत और न्यायसंगत आधार पर हो। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और एम. आर. शाह की एक पीठ ने कहा, एक आम सहमति बन गई है कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन वैज्ञानिक, तर्कसंगत और न्यायसंगत आधार पर किया जाए। इसी समय, लचीलेपन के लिए उन आपात स्थितियों के कारण अप्रत्याशित मांगों को पूरा करने की अनुमति देनी चाहिए, जो आवंटित क्षेत्रों के भीतर उत्पन्न हो सकती हैं। शीर्ष अदालत ने कहा, यह आवश्यक है कि कोविड-19 महामारी के दौरान सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चिकित्सा ऑक्सीजन आवंटित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के भीतर एक प्रभावी और पारदर्शी तंत्र स्थापित किया जाए।
ये होंगे नेशनल टास्क फोर्स के सदस्य
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