नई दिल्ली : पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने चार साल पहले 18 सितंबर को कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के एक ठिकाने हमला किया था। आतंकियों के इस हमले में सेना के 19 जवान शहीद हो गए। सेना ने इस हमले का बदला सर्जिकल स्ट्राइक से लिया। आतंकी हमले के करीब 10 दिन बाद भारतीय सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में दाखिल हुई और वहां करीब आधा दर्जन आतंकियों के प्रशिक्षण केंद्रों को तबाह किया। भारतीय सेना की इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गए।
अपनी इस कार्रवाई से सेना ने साफ कर दिया कि वह आतंकियों को कड़ा जवाब देगी और जरूरत पड़ी तो वह पीओके या दुश्मन देश में दाखिल होने से भी नहीं हिचकेगी। इस सर्जिकल स्ट्राइक की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इतने बड़े ऑपरेशन में सेना का एक भी जवान हताहत नहीं हुआ। मिशन को अंजाम देने के बाद सभी जवान सुरक्षित वापस लौट आए। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान जवानों ने जो हौसला, साहस, वीरता एवं पराक्रम दिखाया, वह एक मिसाल बन गई। सर्जिकल स्ट्राइक के चार साल पूरे होने के मौके पर सरकार इस उपलब्धि का जश्न मना रही है। आइए जानते हैं भारतीय सेना के इस अद्भुत पराक्रम के बारे में-
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