सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सभी ने रखा अपना पक्ष, फैसला सुरक्षित

देश
लव रघुवंशी
Updated Aug 11, 2020 | 17:29 IST

Sushant Singh Rajput Death Case Supreme Court hearing: सुशांत सिंह राजपूत मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सभी पक्षों ने अपना-अपना पक्ष रखा। अगली सुनवाई 13 अगस्त को होनी है।

Sushant Singh Rajput
सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 
मुख्य बातें
  • सुप्रीम कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा
  • रिया चक्रवती ने पटना में दर्ज प्राथमिकी मुंबई स्थानांतरित करने का आग्रह किया है
  • सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी

नई दिल्ली: सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। दरअसल, रिया चक्रवती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है कि उनके खिलाफ पटना में दर्ज मामले को मुंबई ट्रांसफर किया जाए। इस मामले में बिहार सरकार, महाराष्ट्र सरकार, रिया चक्रवती और सुशांत सिंह राजपूत के परिवार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा गया। सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने सभी पक्षों से गुरुवार तक संक्षिप्त लिखित नोट मांग है। मामले पर अगली सुनवाई गुरुवार को होनी है। 

सुशांत सिंह के परिवार की तरफ से पक्ष रखते हुए विकास सिंह ने कहा, 'मुंबई पुलिस किससे डरती है? पुलिस रिया को गिरफ्तार नहीं करना चाहती। CBI में कोई चुनाव नहीं है। मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। केस मे देरी की गई, यह सबूत नष्ट किए जाने के बराबर है। सुशांत का शव बेड पर क्यों देखा गया, लटका हुआ क्यों नहीं? मुंबई पुलिस मुख्य मुद्दे से भटक रही है।'

परिवार ने उठाए कई सवाल

विकास सिंह ने कहा कि जब तक यह मामला सीबीआई को हस्तांतरित नहीं किया जाता, तब तक दिवंगत अभिनेता के परिवार को उनकी असामयिक मृत्यु के लिए न्याय नहीं मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर की हत्या की जा रही है, लेकिन यह बहुत स्पष्ट है कि यह हत्या कौन कर रहा है। रिया चक्रवर्ती ने मेरे मुवक्किल को अपने बेटे से बात करने की अनुमति नहीं दी। बड़ी तस्वीर है एक पिता ने अपना बेटे को खो दिया है। बड़ी तस्वीर यह है कि सुशांत की बहन जब 10 मिनट की दूरी पर थी, तब कमरे का दरवाजा खोला गया। वे उसकी बहन के आने का भी इंतजार नहीं कर सकते थे और इस तरह उसने अपने भाई के शव को लटका हुआ नहीं देखा।

'सीबीआई जांच की जरूरत'

सीबीआई का प्रतिनिधित्व करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार का हलफनामा भ्रामक है। मुंबई पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या करार दिया। सुशांत के पिता को आत्महत्या का संदेह नहीं था। मृत्यु के स्पष्ट कारणों के बारे में एक बेसिक रिपोर्ट मजिस्ट्रेट के सामने होनी चाहिए जिसमें चोट, निशान, घाव या फ्रैक्चर दिखाया जाए। न्याय के हित में इस मामले में सीबीआई जांच जरूरी है। पुलिस ने 56 लोगों से पूछताछ क्यों की?' 



वहीं बिहार सरकार का पक्ष रखते हुए मनिंदर सिंह ने कहा, 'महाराष्ट्र में स्पष्ट राजनीतिक दबाव है। बिहार में राजनीतिक दबाव नहीं है। राजनीतिक रसूख वाले शख्स ने मुंबई पुलिस को एफआईआर दर्ज करने से रोका। राजनीति ने मामले में एफआईआर में देरी की। महाराष्ट्र में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।

इसके अलावा रिया चक्रवती के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता द्वारा दर्ज कराई एफआईआर का पटना में किसी अपराध से कोई संबंध नहीं है। इसमें राज्य के हस्तक्षेप, प्रभाव और दुराग्रह की बड़ी आशंका दिखाई देती है।

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