भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद दीया कुमारी ने बुधवार को दावा किया कि जिस जमीन पर ताजमहल का निर्माण किया गया था, वह मूल रूप से जयपुर के शासक जय सिंह की थी और मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा अधिग्रहित की गई थी। उन्होंने कहा कि इसका रिकॉर्ड तत्कालीन जयपुर शाही परिवार के पास उपलब्ध है।
दीया कुमारी ने कहा कि हमारे पास मौजूद दस्तावेजों के अनुसार, जिस जमीन पर ताजमहल है वहां एक महल था और शाहजहां ने उस पर कब्जा कर लिया था क्योंकि उन्होंने उस समय शासन किया था। जमीन जयपुर शाही परिवार (पूर्ववर्ती) की थी और हमारे पास दस्तावेज हैं कि यह हमारी है। दस्तावेजों का कहना है कि चूंकि शाहजहां को यह पसंद आया, इसलिए उन्होंने इसे हासिल कर लिया। मैंने सुना है कि उसने इसके बदले कुछ मुआवजा दिया था, लेकिन कितना था, स्वीकार किया गया था या नहीं, यह मैं नहीं कह सकती क्योंकि हमारे पोथीखाने में जो अभिलेख हैं, उनका मैंने अध्ययन नहीं किया है। लेकिन जमीन हमारे परिवार की थी और शाहजहां ने इसे हासिल कर लिया था अगर अदालत निर्देश देती है तो हम दस्तावेज उपलब्ध कराएंगे।
इसके अलावा, उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर उस याचिका का भी समर्थन किया हैं, जिसमें ताजमहल के 22 कमरों को खोलने का आह्वान किया गया है। कुमारी ने कहा कि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि स्मारक बनने से पहले वहां क्या था और इसकी जांच होनी चाहिए। चूंकि उस समय न्यायपालिका नहीं थी, इसलिए कोई अपील नहीं की जा सकती थी। रिकॉर्ड की जांच के बाद ही चीजें स्पष्ट होंगी। लोगों को पता होना चाहिए कि वहां कमरे क्यों बंद हैं। ताजमहल से पहले कुछ भी हो सकता था, शायद कोई मंदिर। लोगों को यह जानने का अधिकार है कि मूल रूप से मकबरा से पहले क्या था।
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