नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान ने कार्यवाहक सरकार के गठन का ऐलान कर दिया गया है। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है। अब्दुल गनी बरादर पहले उप प्रधानमंत्री बने, जबकि मावलवी हन्नाफी दूसरे डिप्पी पीएम होंगे, मुल्ला याकूब कार्यवाहक रक्षा मंत्री और सेराजुद्दीन हक्कानी अफगानिस्तान में नई तालिबान सरकार में आंतरिक मामलों के कार्यवाहक मंत्री होंगे। याकूब मुजाहिद रक्षा मंत्री होंगे। अमीन खान मुताकी विदेश मंत्री नियुक्त किए गए हैं।
तालिबान ने जिस सेराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया है वो अमेरिका की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है। अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसी FBI ने उसका मोस्ट वांटेड पोस्टर जारी किया हुआ है। उस पर 50 लाख डॉलर का इनाम भी है।
इस सरकार में समूह के पुराने चेहरों को जगह दी गई है। इसमें अमेरिका नीत गठबंधन और अफगान सरकार के सहयोगियों के खिलाफ 20 साल तक चली जंग में दबदबा रखने वाली तालिबान की शीर्ष हस्तियों को शामिल किया गया है। बरादर ने अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, जिसके तहत अमेरिका पूरी तरह अफगानिस्तान से बाहर निकल गया था।
इस सरकार में गैर-तालिबानियों को जगह दिये जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है।
कहा गया है कि सरकार के गठन के संबंध में तालिबान के संगठन के अंदरूनी मुद्दों को सुलझा लिया गया है। मुल्ला हसन तालिबान के शुरुआती स्थल कंधार से ताल्लुक रखते हैं और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से हैं। उन्होंने ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और मुल्ला हेबतुल्लाह के करीब माने जाते हैं। उन्होंने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था।
खबरों के अनुसार, काबुल में नई सरकार ईरान के नेतृत्व की तर्ज पर बनेगी, जिसमें समूह के शीर्ष धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्लाह अफगानिस्तान के सर्वोच्च अधिकारी होंगे।
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