तमिलनाडु के एक मंदिर से 50 साल पहले चोरी हुई भगवान शिव की मूर्ति को अमेरिका से वापस लाने की कोशिश की जा रही है। इस मूर्ति को तमिलनाडु के तंजावुर से चुराया गया था।
ऐसे खुला चोरी का राज
दरअसल तमिलनाडु में सालों पहले कई ऐसी मूर्तियों को चुरा कर विदेशों में बेचा जा चुका है। कई का तो अभी तक पता भी नहीं चल पाया है। इन्हीं मूर्तियों की खोज के लिए राज्य पुलिस में एक अलग से विंग बनाया गया है, जो इन मूर्तियों की जांच और तलाश करता है। जिस मंंदिर से भगवान शिव की इस मूर्ति को चोरी किया गया था, वहां के लोगों तो शायद इसके बारे में पता भी नहीं था। क्योंकि मंदिर में एक नकली मूर्ति रखी हुई थी, जिसकी पूजा लोग कर रहे थे।
इस विंग को जब मंदिर की मूर्ति पर शक हुआ तब 2020 में मंदिर के पुजारी से पूछताछ की गई। पुजारी ने बताया कि असली मूर्ति तो काफी पहले चोरी हो चुकी है, नकली मूर्ति मंदिर में रखी है, उसी की लोग पूजा करते हैं।
यहां मिली मूर्ति
जब ये कंफर्म हो गया कि असली मूर्ति चोरी हो चुकी है, तो पुलिस ने इसकी खोज शुरू कर दी। मूर्ति की असली तस्वीर के साथ उन कंपनियों से संपर्क साधा गया, जो मूर्तियों का व्यापार करते हैं। उन कंपनियों की वेबसाइट पर भी इसे खंगाला गया जो मूर्तियों की नीलामी करती है। काफी खोजबीन के बाद एक वेबसाइट पर यह मूर्ति मिल गई। जहां इसकी कीमत 35.19 करोड़ रखी गई थी।
क्या है मूर्ति की खासयित
भगवान शिव की इस मूर्ति को कालसंहार मूर्ति कहा जाता है। कांसे से बनी यह मूर्ति एक हजार साल पुरानी बताई जा रही है। इसे त्रिपुरांतक भी कहा जाता है।
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