चेन्नई : तमिलनाडु में राष्ट्रीय प्रवेश सह अर्हता परीक्षा (नीट) से एक दिन पहले शनिवार को तीन उम्मीदवारों ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली, जिसके बाद राजनीतिक पार्टियों ने नीट परीक्षा को खत्म करने की मांग की। इन आत्महत्याओं से राज्य में नीट एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गया है और सभी राजनीतिक पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। तमिलनाडु में दो लड़िकयों और एक युवक ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली है। आत्महत्या करने वालों की उम्र 19 से 21 साल के बीच है और ये घटनाएं मदुरै, धर्मपुरी तथा नमक्कल जिले में हुई हैं।
द्रमुक नीत विपक्षी पार्टियों ने भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीट परीक्षा को लेकर आलोचना की। यहां तक कि सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने भी नीट परीक्षा का विरोध किया और युवाओं की मौत पर दुख व्यक्त किया। मदुरै में 19 वर्षीय एक किशोरी और धर्मपुरी में 20 वर्षीय एक युवक अपने घरों में लटके हुए मिले। इस घटना से राज्य के लोग सदमे में हैं जहां पिछले तीन साल में इस प्रकार की कई घटनाएं सामने आई हैं।
उल्लेखनीय है कि अरियालुर की रहने वाली दलित लड़की पहली थी जिसने वर्ष 2017 में नीट परीक्षा में असफल होने के बाद आत्महत्या कर ली थी जबकि 12वीं की परीक्षा में उसने बेहतर अंक प्राप्त किए थे। इसके बाद से राज्य की राजनीतिक पार्टियां केंद्र से परीक्षा रद्द करने की मांग कर रही हैं। मदुरै और धर्मपुरी के जिला और पुलिस अधिकारियों के अनुसार शनिवार को जोतिश्री दुर्गा और एम आदित्य ने कथित तौर पर फांसी से लटक कर आत्महत्या कर ली। इसी प्रकार नमक्कल जिले के तरुचेनगोडे के रहने वाले 21 वर्षीय मोतीलाल ने भी कथित रूप से घर में फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी। इससे पहले उसने दो बार नीट परीक्षा दी थी।
वहीं दूसरी तरफ, आदित्य ने पिछले साल नीट परीक्षा दी थी लेकिन उत्तीर्ण नहीं कर पाया था और तभी से वह तैयारी में लगा था। धर्मपुरी के जिलाधिकारी एस मलारविझी ने प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए कहा कि आदित्य अपने घर में शाम को लटका हुआ पाया गया। आदित्य के माता-पिता नीट परीक्षा केंद्र देखने सलेम गए हुए थे जहां रविवार को उनके बेटे को परीक्षा देने जाना था। मलारविझी ने कहा, लेकिन जब वे घर लौटे तो उन्होंने अपने बेटे को पंखे से लटका हुआ पाया। उन्होंने कहा कि आदित्य पढ़ने में अच्छा था।
इससे कुछ दिन पहले अरियालुर में एक अन्य परीक्षार्थी ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। दुर्गा की मौत पर तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टियों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई जिन्होंने नीट परीक्षा आयोजित करने का विरोध किया। मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने घटना पर शोक प्रकट किया। द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने दुख जताते हुए कहा कि नीट 'कोई परीक्षा ही नहीं है।'
राज्य के स्कूली शिक्षामंत्री केए सेनगोट्टियन ने कहा कि तमिलनाडु सरकार नीट के खिलाफ है और केंद्र से राज्य को परीक्षा से छूट देने की मांग करती आ रही है। इस बीच, द्रमुक पार्टी की युवा इकाई के सचिव एवं स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर पांच लाख रुपये की सहायता दी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक पीएमके के सांसद अंबुमणि रामदॉस ने भी विद्यार्थियों की मौत पर शोक व्यक्त किया।
एमडीएमके संस्थापक और राज्यसभा सदस्य वाइको ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य में उनके द्वारा लागू नीट की वजह से विद्यार्थियों की आत्महत्या की घटनाएं हो रही हैं।
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