Fake Currency In India: पिछले साल 20 करोड़ रुपये से ज्यादा के मूल्य की जाली मुद्रा पकड़ी गई है। जो कि 3 लाख से ज्यादा जाली नोटों के जरिए देश में पहुंचाई गई थी। इस बात का खुलासा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) 2021 की रिपोर्ट में हुआ है। और सबसे ज्यादा जाली नोट 2000 रुपये के पाए गए हैं। जो कि कुल मूल्य का करीब 60 फीसदी है। जाली नोटों के मामले में सबसे ज्यादा केस बंगाल और असम में दर्ज किए गए हैं। जबकि मूल्य के आधार पर तमिलनाडु और केरल में सबसे ज्यादा जाली नोट पाए गए हैं।
2000 के नोट आसान जरिया
रिपोर्ट के अनुसार, जाली नोट के लिए 2000 के नोट सबसे आसान जरिया बन रहे हैं। कुल जब्त किए गए 3,10,080 जाली नोटों में से 60915 नोट 2000 रुपये के जब्त किए गए हैं। जिनका मूल्य 12,18,30000 करोड़ रुपये हैं। जबकि कुल जब्त किए नोटों का मूल्य 20,39,29,260 करोड़ रुपये हैं। इसके बाद बंद हो चुके 1000 रुपये के नोट, 500 रुपये के नोट, 200 रुपये के नोट, 100 रुपये के नोट, 50 रुपये के नोट, 20 और 10 रुपये के नोटों के जाली नोट मार्केट में सर्कुलेट हैं।
राज्य | पकड़े गए 2000 के नोट का मूल्य |
तमिलनाडु | 5 करोड़ से ज्यादा |
केरल | 1.81 करोड़ |
आंध्र प्रदेश | 1 करोड़ |
महाराष्ट्र | 83.30 लाख |
मूल्य के आधार पर तमिलनाडु और केरल आगे
अगर जब्त किए गए जाली नोटों को मूल्य के आधार पर देखा जाय तो सबसे ज्यादा 2000 के मूल्य के जाली नोट तमिलनाडु में पाए गए हैं। उनका मूल्य 5 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसी तरह केरल में पाए जाली नोटों का मूल्य 1.81 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसके बाद आंध्र प्रदेश का नंबर आता है। जहां पर 1करोड़ रुपये से ज्यादा के जाली नोट, 2000 रुपये की करंसी में पकड़े गए हैं। अगर जाली नोटों को मूल्य के आधार पर देखा जाय तो साल 2020 में 92.17 करोड़ रुपये जाली नोट जब्त किए गए हैं।
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बंगाल, असम में सबसे ज्यादा केस
राज्य | केस दर्ज |
बंगाल | 82 |
असम | 75 |
तमिलनाडु | 62 |
महाराष्ट्र | 55 |
राजस्थान | 54 |
अगर जाली नोटों पर दर्ज केस को देखा जाय तो इस मामले में पश्चिम बंगाल और असम में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में साल 2021 में 688 आपराधिक केस दर्ज किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 82 मामले पश्चिम बंगाल में दर्ज किए गए हैं। इसके बाद 75 केस असम में दर्ज किए गए हैं।
बंगाल और असम में सबसे ज्यादा जाली नोट मिलने की एक प्रमुख वजह उसका नेपाल और बंग्लादेश की सीमा से नजदीक होना है। जिसकी वजह से इन राज्यों में सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं।
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