Telangana: राज्य स्थापना दिवस के मौके पर BJP पर जमकर बरसे CM KCR, बोले- देश में चल रही है नफरत की राजनीति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को तेलंगाना के स्थापना दिवस पर राज्य की जनता को बधाई दी, वहीं मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने आरोप लगाया कि केंद्र ने तेलंगाना के खिलाफ भेदभाव किया है।

Telangana CM KCR lashed out at BJP on the occasion of State Foundation Day
राज्य स्थापना दिवस के मौके पर सीएम KCR ने बीजेपी को लिया निशाने पर  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • राज्य में भव्य तरीके से मनाया गया तेलंगाना स्थापना दिवस
  • केंद्र सरकार ने तेलंगाना के गठन के बाद से ही उसके साथ भेदभाव किया है- केसीआर
  • सीएम केसीआर बोले- तेलंगाना देश का एकमात्र राज्य है जो सभी क्षेत्रों को 24 घंटे निर्बाध बिजली प्रदान कर रहा है

हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य के स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपनी सरकार की उपलब्धियों को अनुकरणीय बताया और कहा कि तेलंगाना के विकास मॉडल को पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। तेलांगना के लोगों को देश को नई दिशा देने में बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी। बीजेपी को निशाने पर लेते हुए सीएम के चंद्रशेखर राव ने कहा कि देश में नफरत की राजनीति चल रही है और इससे देश पिछड़ रहा है जिससे देश में विदेशी निवेश का आना बंद हो सकता है। यह अच्छी स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें नफरत की राजनीति के खिलाफ लड़ना होगा। लगातार सांप्रदायिक सद्भाव भंग होने पर इसका कठोरता से विरोध करना होगा।

सरकार की योजनाओं का किया जिक्र

तेलंगाना राज्य स्थापना दिवस समारोह पर सीएम केसीआर ने हैदराबाद के पब्लिक गार्डन में झंडा फहराया लेकिन उनके निशाने पर केन्द्र सरकार थी। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा, 'तेलंगाना में किसान ही असली राजा हैं लिहाजा किसानों को 24 घंटे फ्री बिजली आपूर्त्ति की जा रही है। एक लाख करोड़ की राशि खर्च कर कालेश्वरम सिंचाई परियोजना को पूरा कर लिया गया है। यह देश की सबसे महंगी सिंचाई परियोजना है। किसानों को दी जा रही इस सिंचाई सुविधा ने राज्य में कृषि क्षेत्र को बदल दिया है। कृषि उत्पादन के क्षेत्र में पंजाब सबसे पहले नंबर पर आता है, वहीं साल 2014 में अस्तित्व में आया तेलंगाना अब कृषि उत्पादन के क्षेत्र में दूसरे नंबर पर आ गया है। यह विश्व की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय लिफ्ट सिंचाई परियोजना है।
इस परियोजना ने विश्व की सबसे लंबी पानी की सुरंग समेत कई रिकार्ड बनाये हैं।'

पिछले आठ साल की तेलंगाना सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में राज्य के गठन के बाद इन आठ साल में तेलंगाना का सकल राज्य घरेलू उत्पाद दोगुने से अधिक होकर 11.55 लाख करोड़ रुपये का हो गया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रति व्यक्ति आय में भी इसी तरह की प्रवृत्ति रही जो 2014 में 1.24 लाख रुपये थी और 2021 में बढ़कर 2.79 लाख रुपये हो गयी।

किसानों का दिया हवाला

किसानों का जिक्र करते हुए उन्होने कहा, 'हमारी सरकार रायथु बंधु योजना  के तहत किसानों के बैंक खातों में दस हजार रुपये जमा कराती है। फसल के दोनों सीजन रबी और खरीफ शुरू होने से पहले सरकार 5-5 हजार रुपये किसानों के खाते में डालती है। इस योजना को किसानों की निवेश सहायता योजना के रूप में भी जाना जाता है। इस योजना के तहत तेलंगाना सरकार किसानों के खेत के संचालन में बीज, उर्वरक, कीटनाशक, श्रम और अन्य निवेश जैसे इनपुट की खरीद के लिए प्रति किसान प्रति एक प्रति वर्ष दस हजार रुपये देती है, यह राशि सीधे किसानों के खाते में जाती है। इस योजना के तहत राज्य सरकार अब तक किसानों को पचास हजार करोड़ रुपये दे चुकी है। राज्य सरकार इस वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 14000 करोड़ रुपये वितरित करेगी और इस प्रकार 31 मार्च 2023 तक किसानों के खाते में कुल वितरण लगभग 64000 करोड़ तक पहुंच जाएगा।'

24 घंटे दे रहे हैं बिजली

केसीआर ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने कृषकों को वर्ष 2018 से ही विशेष सौगात दी है जिसके चलते किसानों को कृषि उद्देश्यों की पूर्ति के लिए 24 घंटे मुफ्त बिजली मिल रही है। राज्य के किसानों के लिए अपनी पैदावार अधिक करना और उन्नत जीवन जीना आसान हो पाया है। तेलंगाना सभी कृषि क्षेत्रों में 24 घंटे अच्छी गुणवत्ता, निरंतरता के साथ 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए इतिहास में देश के पहले राज्य के रूप में जाना जाता है।

मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा, 'किसान चाहें तो सरकार बदल सकता है। पिछले दिनों पंजाब किसान आंदोलन को लेकर कहा था कि किसानों को तब तक संघर्ष करते रहना चाहिए जब तक उन्हें उनकी फसलों के लाभकारी मूल्यों की संवैधानिक गारंटी नहीं मिल जाती। उनका मानना है कि किसान ही राजा है इसलिए निश्चित रूप से विकास का पहला हक़ उनका ही होना चाहिए। इस  इसके अलावा किसानों को 22 हज़ार करोड़ की क़र्ज़ राशि से भी मुक्ति मिली, इतना ही नहीं वाटर टैक्स भी पूरी तरह हटा दिया।'  

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