नई दिल्ली: तेलंगाना की एक महिला डॉक्टर ने पुलिस पर हाथापाई का आरोप लगाया है। दरअसल, महिला डॉक्टर के साथ पुलिस की उस समय झड़प हुई, जब वो खम्मम में अस्पताल जा रही थी। उसे लॉकडाउन की वजह से रोका गया। हालांकि लॉकडाउन के दौरान डॉक्टरों को पूरी तरह से अस्पताल जाने की छूट है।
डॉक्टर ने कहा, 'मुझे इमरजेंसी में बुलाया गया था, इसलिए मुझे ड्यूटी पर जाना पड़ा। रास्ते में मुझे रात में पुलिस अधिकारियों ने रोक लिया। मैंने अपनी आईडी दिखाई, लेकिन उसने मेरी आईडी जब्त कर ली। उसने मेरा फोन भी ले लिया। उसने मुझसे हाथापाई की। मैंने समझाया था कि मैं एक डॉक्टर हूं और मैं अपना काम करने जा रही हूं। लेकिन खम्मम पुलिसकर्मी गणेश ने मुझे बाल पकड़कर घसीटा। वहां कोई महिला पुलिस अधिकारी नहीं थीं।'
उन्होंने आगे बताया कि मैंने दूसरे डॉक्टरों की मदद से सुबह पुलिस स्टेशन में शिकायत दी। पुलिस अधिकारी ने लिखित माफीनामा दिया है।
उसी जिले के एक अन्य डॉक्टर ने कहा कि वो पिछले 15 दिनों से कोरोनो वायरस वार्ड में 24 घंटे सेवा दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उसी पुलिस वाले ने उन्हें एक चैकपॉइंट पर रोका था। डॉक्टर ने कहा कि जब मैंने उन्हें अस्पताल में इमरजेंसी के बारे में बताया कि मैं वहां जा रहा हूं, तो उन्होंने अस्वाभाविक भाषा का उपयोग करते हुए अपमानजनक तरीके से जवाब दिया और थप्पड़ मारने को आ गए। हम एक डॉक्टर के रूप में इस निंदा करते हैं और तत्काल माफी की मांग करते हैं।
21 दिन का लॉकडाउन
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे भारत में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया गया है। हालांकि इस दौरान उचित मूल्य की दुकानें और भोजन, किराने का सामान, फल, सब्जियां, डेयरी, मांस, मछली, पशु चारे से संबंधित दुकानें खुली रहेंगी। बैंक, बीमा कार्यालय, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया खुले रहेंगे। इसमें ई-कॉमर्स के जरिए खाद्य पदार्थ, दवाईयां, चिकित्सीय उपकरण मुहैया कराने को भी बंद से छूट है।
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