हैदराबाद: तेलंगाना उच्च न्यायालय ने राज्य विद्युत वितरण कंपनी को कनिष्ठ लाइनमैन पद के लिए लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद नौकरी के लिए नहीं चुनी गईं दो महिला उम्मीदवारों की खम्भे पर चढ़ने की परीक्षा लेने का आदेश दिया है। तेलंगाना दक्षिणी विद्युत वितरण कंपनी के वकील ने अदालत को बताया था कि कंपनी महिलाओं को लाइनमैन जैसे पदों पर नियुक्त नहीं करना चाहती, क्योंकि वे खम्भे पर आसानी से नहीं चढ़ सकतीं, जिसके बाद अदालत ने यह आदेश दिया।
मुख्य न्यायाधीश रघुवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी की अगुवाई वाली खंडपीठ ने वी. भारती और बी. श्रीषा की रिट याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करते हुए कहा कि महिलाओं को सैन्य बलों भी भर्ती किया जा रहा है। खंडपीठ ने विद्युत विभाग को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ताओं के लिए खम्भे पर चढ़ने की परीक्षा का आयोजन दो सप्ताह में करे और याचिका की सुनवाई कर रही एकल पीठ में परीक्षा का परिणाम जमा कराए।
इससे पहले एकल पीठ ने तेलंगाना दक्षिणी विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड और ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव को आदेश दिया था कि यदि वे भविष्य में खम्भे पर चढ़ने की कोई परीक्षा आयोजित करते हैं तो महिलाओं के लिए भी परीक्षा आयोजित कराई जाए। याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा की समयसीमा तय करने के लिए पीठ का दरवाजा खटखटाया था।डिस्कॉम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील जी. विद्या सागर ने कहा कि विद्युत कंपनी ने लाइनमैन पद की रिक्तियों संबंधी विज्ञापन में जिक्र किया था कि लाइनमैन के पद के लिए महिला उम्मीदवार पात्र नहीं हैं। कुछ महिला उम्मीदवारों ने परीक्षा में बैठने की अनुमति के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उनमें से दो महिलाएं लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हुई थीं।
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