बेंगलुरू। मौत पर वैसे को किसी का वश नहीं हैं। लेकिन अगर किसी की मौत लापरवाही की वजह से तो तरह तरह के सवाल उठते हैं। वाक्या दो साल पहले का है। 11 मार्च 2020 को 10 साल की मासूम राचेल प्रिशा अपने पिता के साथ बाजार जा रही थी। रास्ते में एक पेड़ की सूखी शाखा उसके सिर पर गिरी और वो घायल हो गई। राचेल को तत्काल अस्पताल ले जाया गया और इलाज शुरू हुआ। करीब दो साल तक मौत के खिलाफ लड़ाने लड़ने वाली प्रिशा अब इस दुनिया में नहीं है, और लोग बीबीएपी की लापरवाही के खिलाफ सड़कों पर हैं।
बेंगलुरु महानगर पालिका को लोगों ने ठहराया जिम्मेदार
राचेल प्रिशा का इलाज मणिपाल अस्पताल में इलाज चल रहा था और गुरुवार को उसकी मौत हो गई।लड़की के माता-पिता ने कहा कि घटना के लिए बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका यानी बीबीएमपी के अधिकारी जिम्मेदार हैं।उन्होंने कहा कि पेड़ों की सूखी शाखाओं को हटाना बीबीएमपी की जिम्मेदारी है। हालांकि, इस विशेष शाखा के बारे में बार-बार शिकायत करने के बावजूद बीबीएमपी अधिकारियों ने आंखें मूंद लीं, जिसके परिणामस्वरूप घातक दुर्घटना हुई।
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पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने अस्पताल का दौरा किया और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। कुमारस्वामी ने ट्वीट किया राचेल के निधन से वास्तव में दुखी हूं। पहले उनसे मिलने गया था और उनके साथ समय बिताया था। मैं उम्मीद कर रहा था कि वह ठीक हो जाएंगी। बीबीएमपी को कम से कम भविष्य में इस तरह की त्रासदियों को रोकना चाहिए। अभिनेता किच्छा सुदीप, जिनकी राचेल प्रिशा एक उत्साही प्रशंसक थी, उन्हेंने उनसे बात की थी और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी। इस घटना पर जनता की तीखी प्रतिक्रिया हुई है और सोशल प्लेटफॉर्म पर बीबीएमपी की लापरवाही के लिए आलोचना की जा रही है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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