जम्मू : जम्मू कश्मीर में आतंक के खात्मे के लिए जहां सुरक्षा बल मुस्तैदी से जुटे हुए हैं, वहीं सरकार भी कई योजनाओं पर काम कर रही है। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस संबंध में अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है, जिससे इस केंद्र शासित प्रदेश से अगले दो साल में आतंकवाद का पूरी तरह सफाया हो जाएगा और यहां हालात सामान्य होंगे।
EEPC इंडिया नॉर्दर्न रीजन एक्सपोर्ट के अवार्ड समारोह को बुधवार को संबोधित करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में बीते दो साल में स्थितियां काफी बदली हैं और अगले दो साल में और भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा, 'बहुत से लोग यहां कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता जताते हैं। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि यहां काफी कुछ बदल चुका है। कुछ तत्व अब भी साजिश कर रहे हैं, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि अगले दो वर्षों में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद नहीं रहेगा। भारत सरकार इस दिशा में काम कर रही है।'
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि सुरक्षा बल आतंकियों के खिलाफ जोरशोर से अभियान जारी रखे हुए है। यहां पुलिस व सुरक्षा बलों के एक अभियान में बुधवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की मदद के आरोप में तीन लोगों को जम्मू शहर के बाहरी इलाके से गिरफ्तार किया गया। उनके पास से 43 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए, जिसे वे पंजाब से दक्षिण कश्मीर लेकर जा रहे थे। पुलिस के मुताबिक, इस धनराशि का इस्तेमाल आतंकी फंडिंग के लिए होना था।
जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कोहली ने बताया कि पुलिस को नकदी की एक खेप पंजाब से दक्षिण कश्मीर भेजे जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद एक विशेष टीम का गठन किया गया। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगरोटा क्षेत्र में सिधरा पुल पर जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों आरोपी दक्षिण कश्मीर के रहने वाले बताए जा रहे हैं। उनके खिलाफ नगरोटा थाने में अवैध गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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