श्रीनगर : आतंकवादियों ने गुरुवार को श्रीनगर के एक स्कूल में एक महिला प्रिंसिपल और एक शिक्षक की गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी। घाटी का माहौल बिगाड़ने के लिए आतंकवादी अब 'टार्गेटेड किलिंग' करने लगे हैं। वे हिंदू, सिख समुदाय के लोगों को निशाना बना रहे हैं। कश्मीर का सद्भाव खराब करने और हिंदू-मुस्लिम में नफरत का बीज बोने के लिए आंतकवादी के मंसूबे कितने खतरनाक हैं, उसे इस बात से समझा जा सकता है कि श्रीनगर के संगम ईदगाह ब्वॉएज हायर सेकेंड्री स्कूल में जब उन्होंने धावा बोला तो उन्होंने प्रिंसिपल सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चांद का पहले आईडी कार्ड देखा और फिर स्कूल परिसर में ले जाकर उन्हें गोली मारी।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीनगर के इस स्कूल में सुबर करीब 10.30 बजे तीन आतंकवादी पिस्टल के साथ दाखिल हुए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकवादियों ने स्कूल स्टॉफ से पूछकर यह पहले सुनिश्चित किया कि वहां कश्मीरी मुस्लिम के अलावा अन्य किस समुदाय के शिक्षक हैं। रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोनों को पकड़कर इमारत से बाहर लाया गया और परिसर छोड़ने से पहले आतंकवादियों ने प्रिंसिपल और शिक्षक दोनों को कई बार गोली मारी। गोली लगने पर चांद की मौत तत्काल हो गई जबकि कौर ने अस्पताल जाते समय दम तोड़ दिया।
स्कूल में आतंकियों के धावा बोलने के समय वहां छात्र मौजूद नहीं थे। स्कूल अभी ऑन लाइन कक्षाएं चला रहे हैं, ऐसे में छात्र स्कूल नहीं आ रहे हैं। इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि एक सप्ताह में आतंकी घटनाओं में छह लोग मारे गए हैं। आतंकवादी अब आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। उकी मंशा स्थानीय मुस्लिमों को बदनाम करने एवं सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की है।
पाकिस्तान समर्थित लश्कर ए तैयबा के धड़े टीआरएफ ने श्रीनगर की इन हत्याओं की जिम्मेदारी ली है लेकिन उसका कहना है कि उसे पीड़ितों के धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। टीआरएफ का कहना है कि प्रिंसिपल और शिक्षक को इसलिए मारा गया क्योंकि उन्होंने 15 अगस्त को स्कूल आने के लिए छात्रों पर दबाव बनाया था।
पाकिस्तान कश्मीर में एक बार फिर हिंसा एवं आतंकवादी घटनाओं में तेजी लाना चाहता है। सीमा पार से बार-बार घुसपैठ के प्रयास किए जा रहे हैं। सेना ने आज ही नियंत्रण रेखा के पास सांबा सेक्टर में हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया। यहां से चार पिस्टर, आठ मैगजीन और गोला-बारूद बरामद हुए। पाकिस्तान ड्रोन के जरिए भी भारतीय इलाके में हथियार पहुंचाने की लगातार कोशिशें करता आया है। मंगलवार रात पठानकोट और गुरुदासपुर में ड्रोन देखे गए। पठानकोट में बीएसएफ ने ड्रोन पर फायरिंग की जिसके बाद ड्रोन वापस पाकिस्तान की तरफ भाग गए।
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