सीएम पद के लिए 2.5 साल वाला फॉर्मूला पार्टी का नहीं था, क्या टीएस सिंहदेव के तेवर ढीले पड़े

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने राहुल गांधी से मुलाकात की और कहा कि आलाकमान का फैसला ही अंतिम और मान्य होगा।

factionalism in Chhattisgarh Congress, CM Bhupesh Baghel, Health Minister TS Singhdev, Rahul Gandhi, Sonia Gandhi
सीएम के लिए 2.5 साल वाला फॉर्मूला पार्टी का नहीं था, क्या टीएस सिंहदेव के तेवर ढीले पड़े 
मुख्य बातें
  • 2.5 साल वाला फॉर्मूला मीडिया की उपज- टीएस सिंहदेव
  • टीएस सिंहदेव बोले- आलाकमान का फैसला आखिरी और वो होगा सर्वमान्य
  • पार्टी के अंदर विरोध की आवाज को सकारात्मक तौर पर लेना चाहिए

पंजाब और राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ कांग्रेस में रार मची है। बताया जा रहा है कि सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। दोनों नेताओं ने दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी और रायपुर में बयान दिया कि आलाकमान का फैसला ही अंतिम और सर्वमान्य होगा। भूपेश बघेल ने कहा कि सीएम पद के लिए ढाई साल वाला कोई फॉर्मूला नहीं था। आलाकमान जब तक चाहेगा वो सीएम बने रहेंगे। अब इस विषय पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने रुख को साफ किया है। 

आलकमान का फैसला ही अंतिम
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव वह (भूपेश बघेल) 50 साल या 10 साल या 2 साल तक सीएम रह सकते हैं। यह तय नहीं है। भाई-बहनों में भी प्रतिद्वंद्विता है। स्वस्थ प्रतियोगिताएं होती हैं। आलाकमान ने जो जिम्मेदारी दी है, मैं उसे निभाऊंगा।अगर कोई व्यक्ति किसी टीम में खेलता है तो क्या वह कप्तान बनने के बारे में नहीं सोचता? क्या आप एक नहीं बनना चाहेंगे? हर कोई उसके बारे में सोचता है लेकिन सवाल उसके विचारों का नहीं, उसकी क्षमताओं का है। हाईकमान ने लिया फैसला।पार्टी ने 2.5 साल के फॉर्मूले पर कभी बात नहीं की। यह सिर्फ एक मीडिया कयास था कि छत्तीसगढ़ में सीएम चुने जाने पर क्या ऐसा कोई फॉर्मूला बनता है। हाईकमान पार्टी में लोगों की भूमिका तय करता है। हम उन जिम्मेदारियों को निभाते हैं।


क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि यह बात सच है कि ढाई साल वाले बंटवारे में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव दोनों लोगों ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। लेकिन दोनों लोगों ने अपने बयान में आलाकमान का फैसला अंतिम और मान्य होगा यह कहकर कलह की गुंजाइश को पूरी तरह समाप्त नहीं किया है। दरअसल कांग्रेस ने करीब करीब बीजेपी की उसी रणनीति को छत्तीसगढ़ में अमल में लाया जिसमें अगले सीएम के बारे में सस्पेंस बनाकर रखा गया कि आखिरी वक्त तक किसी तरह की गुटबाजी से बचा जा सके। टीएस सिंहदेव को लगता था कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वापसी कराने में उनकी भूमिका अहम है लेकिन जब सीएम कुर्सी पर बैठने की बारी आई तो मलाई भूपेश बघेल के हाथ आई। अब ऐसे में भले ही केंद्रीय स्तर पर कुछ हद तक दखल दिया गया हो लड़ाई अभी पूरी तरह थमी नहीं है। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर