EXCLUSIVE: 3 साल में घाटी की आबोहवा इतनी बदली, बड़े बदलाव का गवाह बन रहा है जम्मू-कश्मीर

देश
रविकांत राय
रविकांत राय | PRINCIPAL CORRESPONDENT
Updated Oct 29, 2021 | 08:21 IST

जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन साल में क्या कुछ बदला उसका गवाह TIMES NOW नवभारत बना। घाटी में ऐसे बहुत से बदलाव हुए हैं जिसके बारे में सोचा नहीं जा सकता था।

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3 साल में घाटी की आबोहवा इतनी बदली, बड़े बदलाव का गवाह बन रहा है जम्मू-कश्मीर 
मुख्य बातें
  • जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई
  • शासन और प्रशासन लोगों के बीच में
  • मुख्य धारा में अब घाटी के युवा खुद को जोड़ रहे हैं

अनुच्छेद 370 और 35A के हटने से पहले घाटी में एक वर्ग था जो लगातार इस बात की वकालत करता था वो हिंदुस्तान की सरकार के साथ नहीं रहना चाहता है उनका झुकाव पाकिस्तान की सरकार के तरफ ज्यादा दिखता था।वो पाकिस्तान की बोली बोलते थे लेकिन जब टाइम्स नाउ नवभारत की टीम जम्मू कश्मीर के दौरे पर केंद्रीय गृह के दौरे को कवर करने पहुँची तो धरातल पर तस्वीर बदल चुकी थी , 370 हटने के बाद ये कोई मुद्दा ही नहीं है , अब इसकी कोई बात ही नहीं करता हमने कश्मीर के लोगों से बात की उनका कहना है की हमें बस राज्य का दर्जा मिल जाए ये हमारी मांग है ये सरकार की सबसे बड़ी जीत है

पत्थरबाजी अब घाटी की पहचान नहीं
पत्थरबाजी की ये तस्वीरे कश्मीर की पहचान बन चुकी थी , आये दिन सेना और सिक्युरिटी फ़ोर्स के ऊपर पत्थरबाजी होती थी , जब वो किसी ऑपेरशन को अंजाम देने जाते थे , लेकिन अब ये तस्वीर आपको दिखाई नहीं देगी। ये सरकार की जीत का दूसरा बड़ा सबूत है की सरकार जम्मू कश्मीर को लेकर सही ट्रैक पर चल रही है।जम्मू कश्मीर के युवाओं से सीधे बात, जम्मू कश्मीर का प्रशासन और केंद्र सरकार की सोच युवाओं को लेकर बिल्कुल क्लियर है। अगर सरकार को बात करना है तो वो जम्मू कश्मीर के युवाओं से यहां की आवाम से करेगी, किसी के कहने से पाकिस्तान और अलगाववादियों से बात नहीं की जाएगी , ये संदेश बिल्कुल साफ दिया जा चुका है। और युवा भी इस बात को समझ रहा है की उसकी भलाई किसमें है 


जमीन पर उतरी सरकार

अब तक जम्मू कश्मीर में सरकार की तरफ से किसी नौकरशाह को जिम्मेदार सौंपी जाती थी , वहाँ की परिस्थितियों को संभालने के लिए। जो सिर्फ कागजों और फाइलों में काम करते थे। पहली बार सरकार ने ऐसे व्यक्ति को मौका दिया, जो राजनीतिक समझ और जनता की नब्ज़ को समझने में माहिर है।मनोज सिन्हा की स्वीकार्यता सभी राजनीतिक दलों में है , वो सभी राजनीतिक दलों के लिए सहज उपलब्ध हैं, और प्रशासन पर उनकी पकड़ है जिससे सरकार की योजनाएं धरातल पर आसनी से उतर रही है , ये भी एक बड़ी उपलब्धि है सरकार की, इससे साफ है की सरकार सही ट्रैक पर है। 2014 से पहले अगर हम पीछे मुड़ कर देखे तो आप याद आएगा की , जब भी कोई बड़ा नेता दिल्ली तक घाटी में जाता था तो नेट बंद किया जाता था , अलगाववादी बंद बुलाते थे काले झंडे दिखाए जाते थे। लेकिन 370 के हटने के बाद अमित शाह के इस दौरे में आपको को कोई ऐसी चीज दिखाई नहीं दी ।ये एक शुभ संकेत हैं जम्मू कश्मीर को लेकर


मुख्य धारा में आ रहे हैं युवा

युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ने  और उनके लिए रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता अब तक मिली जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में 2024 तक 51000 करोड़ का निवेश सरकार करने जा रही है जो घाटी की तस्वीर को पूरी तरह बदल देगा।हमारे तीन दिन के दौरे में ये बदलाव हमने महसूस किया जो संकेत है एक बार फिर जम्मू कश्मीर अमन की राह पर लौट रहा है। धरती का स्वर्ग एक बार फिर अपने पुराने वैभव को जरूर हासिल करेगा।.

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