नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ़ से कसौली में स्थित सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेट्री में पत्रकारों के लिए आयोजित दो दिवसीय नॉलेज वर्कशॉप में वैक्सीन की efficacy, क्वॉलिटी, गुणवत्ता इन तमाम पैमानों के बारे में जानकारी दी गई और साथ ही किस तरह जनता को वैक्सीन लगने से पहले और बाज़ार में जाने से पहले लैब में वैक्सीन के बैच की क्वॉलिटी को टेस्ट किया जाता हैं इस पर प्रकाश डाला गया।
डिप्टी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की डॉक्टर ऐश्वर्या रेड्डी ने बताया, 'डब्ल्यूएचओ की रैंकिंग में सीडीएल कसौली विश्व में तीसरा स्थान रखती है, एशिया में ऐसी कोई और लेबोरेटरी नहीं है।अभी तक हमने करीब 150 करोड़ वैक्सीन डोज का क्वालिटी टेस्ट किया है। यह क्वालिटी टेस्ट हर एक बैच में से कुछ वैक्सीन का किया जाता है, जिसमें 45 दिन तक का वक्त लग सकता है। वैक्सीन को दिखाते हुए अभी तक हमारे पास इमरजेंसी यूज अप्रूवल मिल चुकी वैक्सीन के अलावा, क्लिनिकल ट्रायल की 12 और प्री क्लिनिकल ट्रायल की अट्ठारह वैक्सीन का क्वालिटी टेस्ट चल रहा है।'
इस लैब में हर जगह से मैन्युफ़ैक्चर जो वैक्सीन बनाना चाहते हैं और उन्हें अगर अप्रूवल मिला हैं तो वो यहीं टेस्ट के लिए भेजते हैं। डॉक्टर ऐश्वर्या ने बताया कि अब तक 1049 बैचेज़ हमारे पास आए हैं वैक्सीन के जिसमें से 150 वैक्सीन को टेस्ट कर स्टैंडर्ड क्वालिटी का माना गया है जिसमें कोविशील्ड, स्पुतनिक , कोवैक्सीन , zycov ये सब शामिल हैं। जनता को वैक्सीन लगने से पहले ये भरोसा बेहद ज़रूरी हैं की वो वैक्सीन सुरक्षित हैं इसलिए हम वैक्सीन को हर लिहाज़ से टेस्ट करते हैं और एक तरह की टेस्टिंग में 14 दिन लगते हैं और पूरा टेस्ट कम्प्लीट होने में 45 दिन लगते हैं ।
देश की पहली डीएनए वैक्सीन जायकोव- डी (Zycov-D) यह वैक्सीन तीन महीने पहले यहाँ CDL कसौली लैब पहुँची थी स्टैंडर्ड टेस्टिंग के लिए। इस वैक्सीन के सात बैच यहाँ भेजे गए थे जिसमें 2,37,530 डोजेज थी। इसे पिछले महीने ही स्टैंडर्ड क्वालिटी अप्रूवल मिला हैं और उस वैक्सीन की टेस्टिंग बाक़ियों से बेहद अलग रही है।यह वैक्सीन अलग तरह से लगेगी फ़िलहाल दिसंबर में जब इसे रोल आउट किया जाएगा तब ये सिर्फ़ 18 प्लस को ही लगेगी।
कोविशील्ड की 40 लाख डोज़ेज़ और कोवेक्सिन की 4-8 लाख डोज़ेज़ यहाँ स्टैंडर्ड टेस्ट के लिए पहुँची थी। अब तक कोई भी वैक्सीन टेस्ट में फेल नहीं पाई गई हैं , इसका रेशीओ 0.2% ही हैं और कोविड में तो एक भी वैक्सीन फेल नहीं हुई , अगर होती हैं तो उसकी इंवेस्टिगेशन प्रक्रिया अलग हैं।
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