नई दिल्ली। ताउते तूफान के खतरे से निपटने के लिए इंडियन नेवी पूरी तरह जुटी है। नेवी के रेस्क्यू आपरेशन में अब तक 177 लोगों को बचाया गया है। 137 में से सभी 137 क्रू को गैल कंस्ट्रक्टर से बचा लिया गया है। कोई व्यक्ति नहीं बचा है सबका रेस्क्यू हो गया है। अब राहत और बचाव कार्य समाप्त हो गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि चक्रवाती तूफान ताउते अहमदाबाद से लगभग 50 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम और सुरेंद्रनगर से 60 किमी पूर्व-उत्तर पूर्व में है। अगले 6 घंटों में ये कमजोर पड़ने लगेगा।
चक्रवात तूफान ताउते ने ऐतिहासिक 'गेटवे ऑफ इंडिया' को सुरक्षा देने वाली दीवारों और लोहे की छड़ों को नुक़सान पहुंचाया और पास में लगे कुछ बैसाल्ट पत्थर भी तूफान के प्रभाव की वजह से उखड़ गए। महानगरपालिका के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि हालांकि चक्रवात ताउते की वजह से इस ऐतिहासिक इमारत को कोई क्षति नहीं पहुंची है लेकिन इसके निकट का फुटपाथ धंस गया। उन्होंने बताया कि सोमवार को मुंबई तट से गुजरे इस तूफान की वजह से अरब सागर से ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही थीं और ये लहरें अपने साथ कचरे का अंबार लेकर आईं जो वह इस ऐतिहासिक स्थल पर छोड़ गईं।
तूफान अब पूरी तरह से गुजरात के करीब 11 जिलों को अपनी जद में ले चुका है। लेकिन अब उसकी ताकत कमजोर पड़ती नजर आ रही है, हालांकि ताउते ने अपने पीछे नुकसान का जो मंजर छोड़ा है वो आंकड़े खुद ब खुद तस्दीक कर रहे हैं। गुजरात में खासतौर से 2 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है तो महाराष्ट्र में भी लोगों को इस तूफान से किसी तरह की मुश्किलों का सामना ना करना पड़े उसके लिए खास इंतजाम किये गए हैं।
ताउते तूफान का असर अब तक
महाराष्ट्र पर ताउते का असर
गुजरात के उना कस्बे का नजारा
23 साल पहले गुजरात में हुई थी बड़ी तबाही
9 जून, 1998 को गुजरात में आए एक बड़े चक्रवात से व्यापक क्षति हुई थी और बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई थीं, विशेष रूप से कांडला के बंदरगाह शहर में। वहीं आधिकारिक आंकड़ों ने तब मरने वालों की संख्या 1,173 बताई थी, जबकि 1,774 लापता हो गए थे।
एक प्रमुख समाचार पत्रिका ने तब दावा किया था कि इसमें कम से कम 4,000 लोग मारे गए थे और अनगिनत लापता हो गए थे क्योंकि शव समुद्र में बह गए थे।
भारतीय नौसेना ने सोमवार को मुंबई तट पर दो नौकाओं पर सवार 410 लोगों को बचाने के लिए संदेश मिलने के बाद अपने तीन अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों को तैनात किया। इन दो नौकाओं की सहायता के लिए तैनात पोतों में आईएनएस कोलकाता, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस तलवार शामिल हैं।
नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मढवाल ने कहा, ‘‘बॉम्बे हाई इलाके में हीरा ऑयल फील्ड्स तट से नौका ‘पी 305’ के दूर जाने की सूचना मिलने पर आईएनएस कोच्चि को बचाव एवं तलाश अभियान के लिए रवाना किया गया। नौका पर 273 लोग सवार थे।’’
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