Article 370 : जम्मू कश्मीर से जुड़े संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनने के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। इससे पहले इन याचिकाओं पर आखिरी सुनवाई करीब ढाई साल पहले हुई थी। फिलहाल ये मामला सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक बेंच के सामने लंबित है। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 और 35 ए को समाप्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर राज्य को संविधान में मिला विशेष दर्जा इतिहास बन गया था। कई याचिकाओं के जरिए न सिर्फ मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले को बल्कि जम्मू कश्मीर को दो अलग राज्य बनाने के प्रावधान को भी चुनौती दी गई है। 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू कश्मीर को अलग केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख को अलग राज्य बना दिया गया था।
जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की बाढ़ आ गई। इनमें जम्मू कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के सांसद अकबर लोन, हसनैन मसूदी ने याचिकाएं लगाईं। इसके अलावा शहला राशिद, वकील एमएल शर्मा, शाकिर शबीर, कई पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट दशहरे के बाद सुनवाई करेगा। कोरोना महामारी के बाद वर्चुअल तरीके से सुनवाई होने के चलते इस मामले में अब तक सुनवाई नहीं हो सकी थी। 2021 में भी इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग की गई थी लेकिन लेकिन बेंच कागठन नहीं किया जा सका था। वहीं केंद्र सरकार ने अपने इस फैसले के समर्थन में तर्क देते हुए कहा था कि अनुच्छेद 370 कश्मीर के भारत में एकीकरण में एक बड़ी बाधा था।
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