अहमदाबाद: गुजरात के वन विभाग ने बताया कि गिर वन क्षेत्र में एशियाई शेरों की संख्या 29 प्रतिशत की वृद्धि के साथ अब 674 हो गई है।विभाग ने पांच और छह जून को पूर्णिमा में शेरों की संभावित संख्या की गणना शुरू की थी।हर पांच साल बाद होने वाली यह गणना मई में होनी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते इसे टाल दिया गया। मई 2015 की गणना के अनुसार गिर में एशियाई शेरों की संख्या 523 थी, 2010 से 2015 के बीच इनकी संख्या में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
बताया जा रहा है कि 'पूनम अवलोकन' (पूर्णिमा पर शेरों की गिनती की कवायद) में पता चला है कि शेरों की संख्या 28.87 प्रतिशत बढ़कर 674 हो गई है। यह अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर है। कुल 674 शेरों में 161 नर, 260 मादा, 116 व्यस्क शावक और 137 शावक हैं।
इस कवायद में यह भी पता चला है कि शेरों के इलाके में भी 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2015 के 22,000 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 2020 में 30,000 वर्ग किलोमीटर हो गया है। शेरों की गणना की इस कवायद में 1,400 कर्मी शामिल थे। हालांकि इस बीच कई शेरों की मौत भी हुई है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के जरिये गुजरात में एशियाई शेरों की आबादी में वृद्धि की खबर शेयर की और इसका श्रेय सामुदायिक हिस्सेदारी को दिया।मोदी ने कहा, 'दो काफी अच्छी खबरें हैं । गुजरात के गिर वन में रहने वाले एशियाई शेरों की आबादी करीब 29 प्रतिशत बढ़ी।'
उन्होंने कहा कि भौगोलिक रूप से जानवर का विस्तार क्षेत्र 36 प्रतिशत तक बढ़ गया है ।उन्होंने कहा कि गुजरात के लोगों और इस शानदार उपलब्धि से जुड़े प्रयासों में शामिल लोगों को बधाई।
पीएम मोदी ने कहा कि यह प्रौद्योगिकी पर जोर देने और सामुदायिक हिस्सेदारी, वन्य जीवन स्वास्थ्य सेवा, उपयुक्त आवास प्रबंधन और मनुष्य-शेरों के बीच संघर्ष को रोकने के लिये उठाये गए कदमों के कारण हुआ। उन्होंने कहा, 'उम्मीद करते हैं कि यह चलन आगे भी जारी रहेगा।' शेरों का विस्तार क्षेत्र में साल 2015 के 22000 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर साल 2020 में 30000 वर्ग किलोमीटर हो गया और इस प्रकार शेरों के भौगोलिक विस्तार क्षेत्र में 36 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई ।
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