अटारी: करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर पाकिस्तान की तरफ से सिख श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है, इस मुद्दे पर बुधवार को भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ बातचीत सकारात्मक होने की बात सामने आ रही है। सिख श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित करतारपुर कॉरिडोर के मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से भारत और पाकिस्तान के बीच बुधवार को तीसरे दौर की बातचीत लगभग सफल रही।
बताया जा रहा है कि भारत-पाकिस्तान करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के बिना वीजा और धर्म के आधार पर बिना किसी भेदभाव के यात्रा करने पर राजी हुए। उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान इसपर सहमत हुए कि गलियारे के माध्यम से प्रतिदिन 5,000 श्रद्धालु करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का दर्शन करेंगे।अधिकारी ने कहा कि करतारपुर गुरुद्वारा परिसर में भारतीय महावाणिज्यदूत या प्रोटोकॉल अधिकारियों को आने की अनुमति देने पर पाकिस्तान ने अनिच्छा दिखाई है।
वहीं एक सूत्र ने बताया कि करतारपुर गलियारा सालभर सप्ताह के सातों दिन खुला रहेगा। अधिकारी ने बताया कि भारत ने गुरुद्वारा करताापुर साहिब के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से सेवा शुल्क वूसल करने पर पाकिस्तान से असहमति जतायी है। अमृतसर के अटारी में हो रही संयुक्त सचिव स्तर की बैठक में शामिल होने के लिए 20 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचा था।
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और दक्षिण एशिया एवं सार्क के महानिदेशक और मोहम्मद फैसल ने वार्ता में हिस्सा लेने के लिए भारत आने से पहले वाघा सीमा पर पत्रकारों से कहा था कि पाकिस्तान तीसरे दौर की बातचीत के परिणाम को लेकर सकारात्मक है। भारत और पाकिस्तान के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच 30 अगस्त को हुई बैठक के बाद यह बैठक हुई।
इससे पहले जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान तमाम मोर्चों पर भारत से मतभेद जाहिर कर रहा है मगर करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर उसने कोई अड़ंगा नहीं लगाया है,अगस्त के शुरुआत में पाकिस्तान ने कहा था कि सीमा-पार करतारपुर कॉरिडोर परियोजना अपनी योजना के अनुसार जारी रहेगा। इस अनुच्छेद के तहत जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा प्राप्त था। पाकिस्तान का यह बयान भारतीय राजदूत को निष्कासित करने व दूसरे जवाबी उपायों की घोषणा के बाद आया है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा था, 'करतारपुर कॉरिडोर परियोजना जारी रहेगी। पाकिस्तान सभी धर्मो का आदर करता है और वह परियोजना के साथ आगे बढ़ेगा।'
उन्होंने कहा,'भारत व पाकिस्तान ने कॉरिडोर के निर्माण पर सहमति जताई थी। यह कॉरिडोर भारत के सिख तीर्थयात्रियों को गुरद्वारा दरबार साहिब तक आसानी से पहुंच प्रदान करेगा। गुरुद्वारा साहिब करतारपुर के नरोवल में स्थित है।' उन्होंने कहा, 'वर्तमान गुरुद्वारा उस जगह पर बना है जहां गुरु नानक सिंह का 22 सितंबर 1539 में निधन हुआ था। प्रधानमंत्री इमरान खान ने 28 नवंबर 2018 को करतारपुर कॉरिडोर की नींव रखी।'
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