वैसे तो देश में 2099 पंजीकृत राजनीतिक दल हैं लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से 55 दलों को मान्यता मिली है। ये बात तो जगजाहिर है कि पार्टी को चलाने के लिए चंदे की जरूरत होती है। इसमें कहीं कोई बुराई नहीं। लेकिन राजनीतिक दल डोनेशन के नाम पर ब्लैक मनी को सफेद करने में जुट जाएं तो हालात को समझा जा सकता है। हाल ही में जब चुनाव आयोग को शिकायत मिली की गैर मान्यताप्राप्त राजनीतिक दल चंदे के खेले में शामिल हैं तो आयोग वे कार्रवाई के लिए इनकम टैक्स को खत लिखा। इनकम टैक्स विभाग ने पॉलिटिकल फंडिंग के सिलसिले में देश के अलग अलग जगहों पर छापेमारी की। खास बात यह है कि विभाग की टीम जब मुंबई के सायन इलाके की झुग्गियों में पहुंची तो टीम दंग रह गई। एक राजनीतिक दल झुग्गी वाले एड्रेस पर पंजीकृत था जिसने 100 करोड़ की राशि क्लेम की थी।
क्लेम पर इनकम टैक्स की पड़ी नजर तो...
आयकर विभाग के मुताबिक 199 गैर मान्यताप्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों ने 2018-19 में 445 करोड़ का क्लेम किया था जबकि 2019-20 में करीब इसी तरह की 219 दलों ने 608 करोड़ की रकम का दावा किया था। नियम के मुताबिक इन दलों ने चुनाव आयोग को फार्म 24 के तहत जानकारी नहीं दी जोकि एक्ट के सेक्शन 29 के मुताबिक जानकारी देना जरूरी है। इस तरह की शिकायतों के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग को खत लिखा था। आयकर विभाग के मुताबिक कुछ दल ऐसे भी हैं जिन्होंने नियम कानून को धता बताते हुए 100 से 150 करोड़ की राशि का दावा किया।
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