IAC Vikrant: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के स्वदेशी युद्धपोत IAC विक्रांत को नौसेना को सौंप दिया है। इसके साथ ही भारतीय नौसेना को उसका नया ध्वज भी मिल गया है। इन दो अहम बदलावों से भारतीय नौसेना को एक अलग पहचान मिलेगी। खास तौर से IAC विक्रांत से भारत उन 6 देशों के एलीट ग्रुप में शामिल हो गया है, जो 40,000 टन से ज्यादा की क्षमता वाले युद्धपोत बनाने में सक्षम हैं। करीब 20,000 करोड़ की लागत से बने IAC विक्रांत के समुद्र में उतरने से भारतीय नौसेना के लिए हिंद महासागर में दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखना आसान हो जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा चीन पर नकेल कसने में होगा। इस मौके पर भारतीय नौ सेना की ताकत और नौसेनिक अड्डे को बारे में भी जानना जरूरी है, कि आखिर हमारी सेना दुनिया के देशों के सामने कहां ठहरती है...
दुनिया में सातवें नंबर पर है भारतीय नौसेना
वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉडर्न मिलिट्री वॉरशिप की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय नौसेना दुनिया में सातवीं सबसें बड़ी नौसेना है। इसके पास कुल 102 यूनिट हैं। जहां तक दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेना की बात है तो 243 यूनिट के साथ अमेरिकी नौसेना सबसे ताकतवर है। उसके बाद चीन, रूस की नौसेना का नंबर आता है। जहां तक IAC विक्रांत के आने से क्या फर्क पड़ेगा, तो अब भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान से बहुत आगे हो गया है। क्योंकि उसके पास एक भी एयरक्रॉफ्ट कैरियर नहीं है। जबकि अब भारत के पास INS विक्रमादित्य और IAC विक्रांत दो एयरक्रॉफ्ट कैरियर होंगे। वहीं ग्लोबल फॉयर पॉवर इंडेक्स के अनुसार चीन के पास 2 एयरक्रॉफ्ट कैरियर सर्विस में हैं। तीसरा एयरक्रॉफ्ट कैरियर उसने जून 2022 में लांच किया है।
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भारतीय नौसेना के नौसैनिक अड्डे कहां हैं
भारतीय नौसेना की वेबसाइट के अनुसार, भारतीय नौसेना की दो ऑपरेशनल कमान और एक प्रशिक्षण कमान हैं। जो मुंबई और विशाखापट्टन में स्थित हैं..
जबकि कोच्चि स्थित दक्षिण नौसेना कमान प्रशिक्षण कमान हैं। इन सभी तीनों कमानों के प्रमुख वाइस एडमिरल रैंक के अफसर होते हैं जिन्हें 'फ्लैग अफसर कमांडर-इन-चीफ' कहा जाता है।
भारतीय नौसेना के बड़े बेस मुंबई, गोवा, कारवार, कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्नम, कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर में स्थित हैं। भारतीय नौसेना का पश्चिमी बेड़ा मुंबई में और पूर्वी बेड़ा विशाखापट्नम में स्थित है। इसके अतिरिक्त, पोतों के फ्लोटिला, पनडुब्बियों के स्कवॉड्रन और विभिन्न एयरक्राफ्ट हैं जिनका ऑपरेशन नौसेना द्वारा कई नेवल एयर स्टेशनों के जरिए किया जाता है।
इस समय भारतीय नौसेना द्वारा 41 में 39 जहाज/पनडुब्बी भारतीय शिपयार्ड में तैयार किए जा रहे हैं।
एशिया का सबसे बड़ा नेवल बेस कारवार में
भारत समुद्री क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान की चुनौती से निपटने के लिए बड़ी तैयारी कर रहा है। और वह कर्नाटक के कारवार में एशिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा बना रहा है। कारवार नौ सेना बेस गोवा के दक्षिण में 80 किलोमीटर और मंगलौर से 320 किलोमीटर उत्तर की दिशा में स्थित है। इसकी लोकेशन इसे किसी तरह के चक्रवाती तूफानी से बचाने में कारगर करेगी।
कारवार प्रोजेक्ट की मंजूरी 1999 में तत्तकालीन एनडीए सरकार ने दी थी। इसके पहले चरण का काम 2005 में पूरा हो गया था। जबकि दूसरे चरण का काम 2011 से शुरू हुआ है। और इसके 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य है। इसके पूरा होने के बाद यह एशिया का सबसे बड़ा नौ सेना बेस बन जाएगा। कारवार नौ सेना बेस बनने के बाद यहां कम से कम 30 युद्धपोत और पनडुब्बियां तैनात हो सकेगी।यहां 3 हजार फीट लंबा रनवे भी बनाया जाएगा। यहां पर देश का एक इकलौता विमानवाहक पोत INS विक्रमादित्य कारवार में तैनात हो चुका।
प्रमुख नौसैनिक अड्डे
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