नई दिल्ली। आज राष्ट्रीय बालिका दिवस (National Girl Child Day) है, यह लड़कियों के सशक्तीकरण के लिए मनाया जाता है। 2001 की जनगणना के अनुसार देश में करीब 50 करोड़ महिला आबादी हैं। जो कि कुल आबादी का करीब 48 फीसदी है। भारत में महिलाओं के सशक्तीकरण में साल 2021 एक अहम पायदान बन कर आया। नेशलन फेमिली हेल्थ सर्वे (2019-21) के अनुसार भारत में पहली बार पुरूषों के मुकाबले महिलाओं का अनुपात ज्यादा हुआ है। सर्वे के अनुसार भारत में लिंगानुपात 1020 पर पहुंच गया है। यानी प्रत्येक 1000 पुरूष पर 1020 महिलाएं हैं। इससे साफ है कि भारत में महिलाओं की स्थिति बेहतर हो रही है। इसी कड़ी में आज हम आपको ऐसी लड़कियों और महिलाओं के बारे में बता रहे हैं, जो लाइमलाइट से दूर रहकर पूरी दुनिया में भारत का डंका बजा रही हैं..
कृति कारंत
कृति कारंत 2021 वाइल्ड इनोवेटर अवार्ड जीतने वाली पहली भारतीय और एशियाई महिला हैं। सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज में चीफ कंजरवेशन ऑफिसर है। यह पुरस्कार वाइल्ड एलीमेंट्स फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है। इसके तहत वन्य जीव संरक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर समाधान देने और टिकाऊ व्यवस्था की दिशा में काम करने वाले लोगों को पुरस्कृत किया जाता है। कृति को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है।
नीना गुप्ता
युवा गणितज्ञ नीना गुप्ता को प्रतिष्ठित रामानुजन पुरस्कार-2021 के लिए चुना गया । गुप्ता चौथी भारतीय और तीसरी महिला गणितज्ञ हैं, जिन्हें यह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। नीना गुप्ता कोलकाता स्थित इंडियन स्टैस्टिकल इंस्टीट्यूट की फैकल्टी मेंबर हैं। नीना गुप्ता को ये पुरस्कार जियोमेट्री और कम्युटेटिव अल्जेब्रा पर बेहतरीन कार्य के लिए मिला है। रामानुजन पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 45 साल से कम उम्र के उन युवा वैज्ञानिकों को दिया जाता है। जिन्होंने गणित विषय में नए शोध या उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
अवनि लखेरा
भारत की अवनि लखेरा ने टोक्यो पैराओलंपिक में भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता। ऐसा कर जयपुर की 19 वर्षीय निशानेबाज अवनि लखेरा पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई। अवनी 20 फरवरी 2012 को एक कार दुर्घटना की शिकार हो गई थीं। जिसकी वजह से उनकी कमर के नीचे के शरीर को लकवा मार गया। उसके बाद से वह व्हीलचेयर के सहारे हैं। ऐसी स्थिति में सामान्य व्यक्ति जीवन से निराश हो जाता है। लेकिन अवनी ने हार नहीं मानी और अवसाद से निकलकर देश का नाम ऊंचा कर दिया।
तुलसी गौड़ा
72 वर्षीय तुलसी गौड़ा को इस साल भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्हें जंगल की इनसाइक्लोपीडिया के नाम से जाना जाता है। कर्नाटक के हलक्की वोक्कालू आदिवासी समुदाय की तुलसी गौड़ा ने अब 30 हजार से अधिक पौधे लगाए हैं। और वह स्पर्श मात्र से ही पौधे की खासियत पहचानने की अनूठी क्षमता रखती है। वह कभी स्कूल नहीं गई और 12 साल की उम्र में उसकी शादी हो गई। पद्मश्री से पहले उन्हें 'इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष मित्र अवॉर्ड जैसे कई अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
भावना कांत
भावना कांत देश की पहली महिला फाइटर पायलट हैं । उन्हें 26 जनवरी के मौके पर वायुसेना की तरफ से निकाली जाने वाली झांकी का भी हिस्सा बनाया गया। भावना जुलाई 2016 में वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर्स के तौर ज्वाइन किया और भावना पहली महिला फाइटर पायलट बैच का हिस्सा थीं।
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