नई दिल्ली : भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में एक नया अध्याय जुड़ गया है। यूएस नेवी शिप (USNS) चार्ल्स ड्रू (Charles Drew) रविवार को चेन्नई के कट्टुपल्ली शिपयार्ड में मरम्मत और संबद्ध सेवाओं के लिए पहुंचा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत में अमेरिकी नौसेना के जहाज की यह पहली मरम्मत है। अमेरिकी नौसेना ने जहाज के रखरखाव के लिए कट्टुपल्ली में L&T के शिपयार्ड को कॉन्ट्रैक्ट दिया था। इससे वैश्विक जहाज मरम्मत बाजार में भारतीय शिपयार्ड की क्षमता कितनी है पता चलता है। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय शिपयार्ड उन्नत मैरीटाइम टैक्नोलॉजी प्लेटफार्मों का उपयोग करते हुए व्यापक और लागत प्रभावी जहाज मरम्मत और रखरखाव सेवाएं प्रदान करते हैं।
रक्षा सचिव अजय कुमार, वाइस चीफ ऑफ नेवल स्टाफ वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग तमिलनाडु और पुडुचेरी नेवल एरिया रियर एडमिरल एस वेंकट रमन और अन्य सीनियर अधिकारियों ने पोत का स्वागत करने के लिए शिपयार्ड का दौरा किया। चेन्नई में अमेरिकी दूतावास के महावाणिज्य दूत जुडिथ रेविन और नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में रक्षा अताशे रियर एडमिरल माइकल बेकर भी उपस्थित थे।
इस आयोजन को भारतीय जहाज निर्माण उद्योग और भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के लिए एक रेड लेटर डे के रूप में करार देते हुए, रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा कि हमें अमेरिकी नौसेना के जहाज USNS चार्ल्स ड्रू का भारत में स्वागत करने के लिए, उनकी यात्रा को तैयार करने के लिए वास्तव में प्रसन्नता हो रही है। भारत की पहल भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में भी विशेष महत्व रखती है। यह गहरे जुड़ाव के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।
रक्षा सचिव ने मरम्मत के लिए यूएसएनएस चार्ल्स ड्रू के आगमन को भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के परिपक्व होने का संकेत बताया। उन्होंने कहा कि आज, भारत में करीब 2 बिलियन अमरीकी डॉलर के कारोबार के साथ छह प्रमुख शिपयार्ड हैं। हम न केवल अपनी आवश्यकताओं के लिए जहाज बना रहे हैं। हमारे पास अपना खुद का डिजाइन हाउस है जो सभी प्रकार के अत्याधुनिक जहाजों को बनाने में सक्षम है। देश का पहला स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के विकास का एक शानदार उदाहरण है।
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