ये कोरोना काल है; यहां कुछ भी पहले जैसा नहीं रहेगा, क्या आप तैयार हैं?

देश
लव रघुवंशी
Updated May 13, 2020 | 13:24 IST

New ways of life in corona times: कोरोना ने इंसान का जीवन पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। अगर हम आगे की देखें तो अब लोगों की जीवन पहले की तुलना में बिल्कुल अलग होने जा रहा है।

Coronavirus
कोरोना काल में बदल जाएगा आपका जीवन 

चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस जैसे ही भारत पहुंचा तो हम भारतीयों का जीवन एकदम से 360 डिग्री बदल गया। शुरुआत में लोग मास्क पहनने लगे, हाथों को बार-बार सैनेटाइज करने लगे, सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द होने लगे। लेकिन कुछ दिनों बाद ही बड़ा बदलाव हुआ, देश में लॉकडाउन हो गया और सभी को घरों में रहने को कहा गया। यानी न आप दफ्तर जा सकते, न बाहर घूम सकते, कुल मिलाकर बहुत जरूरी काम न हो तब तक घर के बाहर कदम न रखने को कहा गया। तब लगा ये कुछ दिनों की बात है। बाद में सब ठीक हो जाएगा, लेकिन जैसे-जैसे ये समय आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे अब समझ में आने लगा है कि कोरोना अब जल्द ही हमारे जीवन से जाने वाला नहीं है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि हमें यह समझना चाहिए कि कोविड-19 के बाद विश्व मौलिक रूप से बदल गया है। अब विश्व युद्धों की तरह ही कोरोना-पूर्व विश्‍व एवं कोरोना-बाद विश्‍व होगा। इससे हमारे कामकाज के ढंग में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि अब हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए, हम सबकुछ रोककर नहीं चल सकते हैं, अब हमें इसके साथ जीना होगा। 

यानी कुल मिलाकर अब बात ये हो रही है कि लोगों को घरों में रखकर, लॉकडाउन लगाकर लंबे समय तक आगे नहीं बढ़ा जा सकता। अब उन उपायों पर बात हो रही है, जिनमें कोरोना से लड़ते हुए हमें आगे बढ़ना है। यानी कि अब हम सबका जीवन पहले की तरह बिल्कुल नहीं होने वाला है। ये कोरोना काल है। और हमें अपने आप को इसी के हिसाब से डालते हुए आगे बढ़ना होगा। 

कोरोना काल में हमारा जीवन कैसे होगा, इसके संकेत लॉकडाउन 3 से मिलने लगा। इसमें लोगों को कई रियायतें दी गईं, लेकिन शर्तों के साथ। यानी की हम कह सकते हैं कि आगे भी हमारा जीवन ऐसे ही चलने वाला है, चीजें होंगी, लेकिन शर्तों के साथ। 

यहां इन बिंदुओं से समझ सकते हैं कि कोरोना काल में लोगों की जीवन पहले से किस तरह अलग होगा:

  • लोगों का सामाजिक जीवन प्रभावित होगा, यानी लोग अब पहले की तरह खुलकर या ज्यादा लोगों से नहीं मिलेंगे। अब लोग घरों में रहना ज्यादा पसंद करेंगे
  • सार्वजनिकल स्थलों पर भीड़ शायद न दिखाई दे, अगर देगी तो उसे तुरंत कम किया जाएगा 
  • मेट्रो, बसों, ट्रेनों या और भी अन्य सार्वजनिक वाहनों में भी भीड़ दिखाई नहीं देगी
  • लोग सार्वजनिक वाहनों की तुलना में अब निजी वाहनों का उपयोग ज्यादा करते दिखेंगे
  • बाजारों, दुकानों आदि जगहों पर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा
  • बहुत सीमित लोगों की मौजदूगी में शादियां हो सकती है। शादी, बर्थडे या किसी भी कार्यक्रम में बहुत ज्यादा लोगों को शामिल करने की अनुमति नहीं होगी
  • कोरोना काल में स्ट्रीट फूड बहुत प्रभावित हो सकता है। संभव हो कि इसके लिए शायद नए नियम आएं या लोग खुद ही स्ट्रीट फूड से दूरी बना लेंगे
  • हर कोई मास्क पहने नजर आएगा, जो नहीं पहनेगा उस पर कार्रवाई हो सकती है
  • सफाई को लेकर लोग पहले की तुलना में ज्यादा सतर्क होंगे, बाहर किसी भी चीज को छूने से बचेंगे
  • एक-दूसरे से हाथ मिलाना या गले लगाना लगभग समाप्त हो सकता है
  • अब बाहर से जो भी सामान आएगा उसे लोग पहले पानी से साफ करेंगे
  • पहले से ही प्रचलित ऑनलाइन शॉपिंग पर लोग और ज्यादा निर्भर हो जाएंगे
  • पार्कों में लोगों का घूमना या बच्चों का खेलना बहुत कम हो सकता है
  • बेहद करीबियों को छोड़कर लोगों का एक-दूसरे के घर जाना बेहद कम हो सकता है
  • अब लोग दफ्तरों की तुलना में घरों से ज्यादा काम करेंगे
  • इनके अलावा और भी चीजें हैं जो शायद पहले जैसी न हों। अब सवाल है कि क्या हम इन सब बदलावों के लिए तैयार हैं? कहा जा सकता है कि हां इस खतरनाक बीमारी से लड़ने के लिए हमें ये सब करना होगा या ये सब अनिवार्य कर दिया जाएगा। लेकिन हाल में ही में जब शराब की दुकानों खुली तो जिस तरह की भीड़ उमड़ पड़ी और सारे नियम धाराशायी हो गए तो सवाल उठने लगे कि क्या लोग गंभीर नहीं हैं? क्या लोग नहीं समझ रहे कि इस समय किस प्रकार की सावधानियों की जरूरत है? उम्मीद है कि भविष्य में हमें वैसी तस्वीरें न देखने को मिलें या कम मिलें और लोग खुद को कोरोना काल में जीने के लिए ढाल लें।

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