यह तो संवैधानिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाला, अरविंद केजरीवाल की अपील पर 56 अवकाश प्राप्त नौकरशाहों को ऐतराज

अवकाश प्राप्त नौकरशाहों द्वारा चिट्ठी लिखना कोई नई बात नहीं है। गुजरात दौरे पर गए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सरकारी कर्मचारियों से कुछ अपील और कुछ वादे किए जिसे 56 अवकाश प्राप्त नौकरशाहों ने सही नहीं बताया है और इस संबंध में चुनाव आयोग की चिट्ठी लिखी है।

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सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के सरकारी कर्मचारियों से की थी कुछ खास अपील 
मुख्य बातें
  • आप की मान्यता रद्द करने की चुनाव आयोग से अपील
  • अरविंद केजरीवाल की अपील सरकारी कर्मचारियों को उकसाने वाली
  • अरविंद केजरीवाल ने वेतन और ग्रेड पे के संबंध में अपील और वादे किए थे

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के दौरे पर सरकारी कर्मचारियों से जो अपील की उसके खिलाफ 56 अवकाशप्राप्त नौकरशाहों को ऐतराज है। उन्होंने चुनाव आयोग को खत लिखकर इस तरह की अपीलों और वादों पर रोक लगाने की मांग की है। अरविंद केजरीवाल वे एक प्रेस कांफ्रेस में पुलिस वालों के लिए, प्रशासनिक कमान संभाल रहे लोगों के लिए ऐलान किया था कि सत्ता में आने पर सुविधाएं देंगे। खासतौर से मामला वेतन और ग्रेड पे से संबंधित था। 

चुनाव आयोग को खत
56 अवकाश प्राप्त अधिकारियों ने ऐतराज जताते हुए कहा है कि यह संवैधानिक मुल्यों के खिलाफ है। इस संबंध में चुनाव आयोग को इन अधिकारियों ने खत भी लिखा है। कर्नाटक के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी उनमें से एक हैं। उन्होंने कहा कि करीब 20 दिन पहले राजकोट में सीएम अरविंद केजरीवाल ने जो वो उन लोगों को परेशान करने वाला है जो संविधान में भरोसा करते हैं।

ग्रेड पे, वेतन से संबंधित थे अपील और वादे
अरविंद केजरीवाल की सरकारी  कर्मचारियों खासतौर से ड्राइवर्स, कंडक्टर्स और पुलिस के सिपाहियों के संबंध में किए गए वादे और अपील असंतुलित और विवादास्पद है। हमारी आस्था और जवाबदेही भारत के संविधान के प्रति है। यह लोकतांत्रिक क्रियाकलापों के लिए उचित नहीं है। इस तरह की प्रवृत्ति पर लगाम लगाए जाने की आवश्यकता है। 

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