तालिबान कनेक्शन:अफीम की खेती 37% बढ़ी, तस्करों के निशाने पर भारत

देश
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Sep 23, 2021 | 18:54 IST

Gujarat Kutch heroin seized: भारत के एक तरफ अफगानिस्तान है तो दूसरी तरफ म्यांमार है। दोनों देशों में ड्रग का अवैध कारोबार तेजी से फलता-फूलता रहा है। और भारत तस्करों के लिए बड़ा बाजार है।

Taliban captures Afghanistan
अफीम तालिबानों की कमाई का बड़ा जरिया है   |  तस्वीर साभार: Getty Images
मुख्य बातें
  • DRI टीम ने हाल ही में गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से 2988 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है। जो कि अफगानिस्तान से भेजी गई थी।
  • UNDOC 2020 की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की 85 फीसदी अफीम की खेती अफगानिस्तान में होती है।
  • अफगानिस्तान में 2020 के दौरान अवैध अफीम की खेती 37 फीसदी बढ़कर 2,95,000 हेक्टेअर तक पहुंच चुकी है।

Gujarat Kutch heroin seized:  बीते 13 सितंबर को गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पर जब डायरेक्टर ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI)ने  2988 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी थी। तो यह केवल एक अवैध ड्रग के कंसाइनमेंट पकड़ने का मामला नहीं था। बल्कि यह इस बात का संकेत था कि तालिबान ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। चौंकिए मत हेरोइन का सीधा कनेक्शन अफीम से है और अफीम का कनेक्शन अफगानिस्तान और पाकिस्तान से हैं। असल में दुनिया में सबसे ज्यादा अफीम का उत्पादन अफगानिस्तान में होता है । और उसके जरिए अवैध कमाई , तालिबान के लिए सबसे मुफीद रास्ता है। और इस काम में उसकी मदद पाकिस्तान करता है। साफ है कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी भारत के लिए खतरे की घंटी है। 

अफगानिस्तान में बढ़ चुका है 37 फीसदी प्रोडक्शन एरिया

यूनाइटेड नेशन ऑफ ड्रग्स एंड क्राइम 2020 की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की 85 फीसदी अफीम की खेती अफगानिस्तान में होती है। और साल 2020 में वहां पर अवैध अफीम की खेती 37 फीसदी  बढ़कर 2,95,000 हेक्टेअर तक पहुंच चुकी है। ऐसा होने की बड़ी वजह यह है  कि अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा अफीम की खेती हेलमंद राज्य में होती है। जिसकी पूरे अफगानिस्तान में होने वाली खेती में 22 फीसदी हिस्सेदारी है। और पिछले कुछ समय से वहां अशांति बनी हुई थी। और उसका असर अवैध खेती के रुप में दिखता है। साफ है कि तालिबान के नियंत्रण के साथ ही अफीम की खेती में बढ़ोतरी होनी तय है। जो भारत सहित पूरी दुनिया के लिए खतरा है। हालांकि तालिबान अफीम के अवैध कारोबार को प्रतिबंधित करने की बात कर रहे हैं। लेकिन उस पर भरोसा करना आसान नहीं है।

जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा नहीं किया था, उस समय भी वह, ड्रग्स के अवैध धंधे से मोटी कमाई कर रहा था। रेडियो फ्री यूरोप रेडियो लिबर्टी को नाटो की मिली रिपोर्ट के अनुसार ड्रग्स, सीमा पार करने वाले वस्तुओं पर टैक्स, अवैध खनन के जरिए तालिबान सालाना औसतन 1.5 अरब डॉलर की कमाई करता है। और मार्च 2020 में यह कमाई, बढ़कर 1.6 अरब डॉलर तक पहुंच गई। जिसमें एक बड़ा हिस्सा ड्रग्स से होने वाली कमाई का था।

भारत पर है बड़ा खतरा

यूनाइटेड नेशन ऑफ ड्रग्स एंड क्राइम 2020 की रिपोर्ट के अनुसार एशिया में भारत अवैध ड्रग्स सप्लाई का बड़ा शिकार है। इसमें चीन, भारत, हांगकांग, सिंगापुर, थाइलैंड में अवैध ड्रग्स की सप्लाई की जाती है। असल में अफीम से ही हेरोइन बनाई जाती है। और उसकी सप्लाई में पाकिस्तान,अफगानिस्तान की बड़ी मदद करता है। इसके अलावा ईरान और मध्य एशियाई देशों के जरिए हेरोइन की तस्करी की जाती है। 13 सितंबर को मुंद्रा बंदरगाह पर पकड़ी गई हेरोइन ईरान के बंदर अब्बास से होते हुए अफगानिस्तान के कांधार से आई थी।

भारत दो बड़े अवैध ड्रग कारोबार करने वाले देशों के बीच स्थित

असल में अवैध ड्रग कारोबारियों के लिए भारत की स्थिति भी बेहद मुफीद है। इस वजह से भी भारत उनके निशाने पर रहता है। भारत के एक तरफ अफगानिस्तान है तो दूसरी तरफ म्यांमार है। इन दोनों देशों में ड्रग का अवैध कारोबार तेजी से फल-फूलता रहा है। इसलिए भारत को गोल्डेन ट्राइएंगल (इसका केंद्र म्यांमार) और गोल्डेन क्रीसेंट (इसका केंद्र अफगानिस्तान) के बीच फंसा हुआ कहा जाता है।  दुनिया में इन दोनों देशों के जरिए बड़े पैमाने पर ड्रग्स का अवैध कारोबार चलता है।

भारत को कैसे नुकसान

13 सितंबर को मुंद्रा बंदरगाह पर पकड़ी गई खेप के बाद ,नई दिल्ली, नोएडा, चेन्नई, कोयबंटूर, अहमदाबाद, मांडवी, गांधी धाम और विजयवाड़ा में आपरेशन चलाया गया। और अकेले दिल्ली में 16.1 किलोग्राम हेरोइन पकड़ी गई। साफ है भारत में ड्रग कारोबार का नेटवर्क छोटे-छोटे शहरों तक पहुंच गया है। पंजाब  में युवाओं में नशे की लत तो राजनीतिक मुद्दा तक बन चुका है। इसी तरह म्यांमार से करीब होने की वजह से पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में ड्रग्स का अवैध धंधा पैर पसार चुका है। अब तालिबान के सत्ता में आने के बाद भारत के लिए अवैध ड्रग्स कारोबार को रोकना नई चुनौती लेकर आ गया है।

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