पुडुचेरी : केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होने वाला है। इससे पहले टाइम्स नाउ-सी वोटर सर्वे में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को बढ़त मिलता दिखाया गया है। यहां एनडीए में बीजेपी के साथ-साथ ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस (AINRC) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIDMK) है। पुडुचेरी में मतदान 6 अप्रैल को होना है।
ओपिनियन पोल के मुताबिक, पुडुचेरी में एनडीए को 30 में से 21 सीटें मिल सकती हैं, जबकि यूपीए, जिसमें कांग्रेस और डीएमके है, को 9 सीटें मिल सकती हैं। पुडुचेरी का यह प्री-पोल सर्वे मार्च में किया गया था, जिसमें सैंपल साइज 1,265 लोगों को रखा गया था। वोट शेयर की बात करें तो यहां एनडीए को 47.2 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है, जो 2016 के मुकाबले 16.7 फीसदी अधिक होगा।
वहीं यूपीए का वोट शेयर 2016 के जितना ही 39.5 फीसदी रहने का अनुमान है। इस चुनाव में अन्य को वोट शेयर के मामले में नुकसान हो सकता है। इस प्री-पोल सर्वे के दौरान लोगों से पसंदीदा मुख्यमंत्री उम्मीदवार, बीजेपी नीत मौजूदा केंद्र सरकार के कार्यों को लेकर उनके संतुष्ट होने, राज्य सरकार के परफॉर्मेंस, चीफ मिनिस्टर के परफॉरमेंस, कांग्रेस राहुल गांधी के कामकाज को लेकर सवाल किए गए थे।
ओपिनियन पोल के मुताबिक, वाम लोकतांत्रिक मोर्चे को आने वाले चुनाव में जीत मिल सकती है। हालांकि यहां बीजेपी के वोट शेयर में बढोतरी का अनुमान जताया गया है। इसमें वाम लोकतांत्रिक मोर्चे को केरल की 140 विधानसभा सीटों में से 77 सीटें मिलने का अनुमान है। अगर ऐसा होता है तो यह 2016 के मुकाबले 14 सीटें कम होंगी। पांच साल पहले के विधानसभा चुनाव में इसे 91 सीटें मिली थीं।
वाम मोर्चे की सीट संख्या में कमी का सीधा फायदा संयुक्त लोकतांत्रिक फ्रंट को मिलता दिख रहा है, जिसे इस चुनाव में 62 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। बीजेपी को हालांकि एक ही सीट मिलने का अनुमान जताया गया था, जैसा कि 2016 में भी हुआ था, लेकिन इस चुनाव में बीजेपी के वोट शेयर में बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है। 2016 के चुनाव में बीजेपी को जहां 15 प्रतिशत वोट मिले थे।
यहां सीएम के लिए अब भी पिनरायी विजयन लोगों के पसंदीदा उम्मीदवार हैं, जिन्हें 39.3 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला है। ओमन चांडी (26.5 प्रतिशत) लोगों की पसंद के साथ दूसरे और मुल्लापल्ली रामचंद्रन (8.8 प्रतिशत) तीसरे नंबर पर हैं।
तमिलनाडु में यह चुनाव ऐसे समय में हो रहा है, जबकि राज्य की राजनीति में अहम प्रभाव रखने वाले दो सियासी दिग्गज एम करुणानिधि और जयजलिता नहीं हैं। यहां एआईएडीएमके सत्ता में है, जिसके साथ मिलकर बीजेपी चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस का गठबंधन डीएमके के साथ है। टाइम्स नाउ-सी वोटर सर्वे के मुताबिक इस चुनाव में एआईएडीएमके के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर देखने को मिल रही है।
तमिलनाडु के चुनाव में कमल हासन का असर भी देखा जा रहा है, लेकिन यह मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में है। सर्वे में सीएम के तौर पर एमके स्टालिन को सर्वाधिक 43.1 प्रतिशत वोट मिले हैं। ईके पलनीस्वामी (29.7 प्रतिशत) दूसरे नंबर पर हैं। वीके शशिकला को 8.4 प्रतिशत लोगों ने सीएम पद के लिए अपनी पसंद बताया है, जबकि कमल हासन को 4.8 प्रतिशत और रजनीकांत को 1.9 फीसदी लोगों ने सीएम के लिए अपनी पसंद बताया।
सीट संख्या की बात करें तो तमिलनाडु में विधानसभा की 234 सीटों के लिए चुनाव होना है, जिनमें से यूपीए को 177 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान जताय गया है। यूपीए को 79 सीटों की बढ़त का अनुमान है, जबकि एनडीए को 2016 के मुकाबले 87 सीटों का नुकसान झेलना पड़ सकता है। एनडीए को इस चुनाव में महज 49 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि 2016 में यह आंकड़ा 136 सीटों का था।
प्री-पोल सर्वे के मुताबिक, एनडीए के वोट शेयर में भी 9.1 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है। यह 2016 के 43.7 फीसदी के मुकाबले इस बार 34.6 हो सकता है। वहीं यूपीए के वोट शेयर में 6.6 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है और यह 46 प्रतिशत हो सकता है, जो 2016 के चुनवा में 39.4 प्रतिशत था। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक ही चरण में 6 अप्रैल को मतदान होना है। वोटों की गिनती 2 मई को होगी।
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