कोलकाता: पश्चिम बंगाल में गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद से सियासी हलचल तेज हो गई है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ ममता बनर्जी सरकार को आने वाले दिनों में बड़ा झटका लगने के संकेत मिल रहे हैं। राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री शुभेंदु अधिकारी गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में नहीं पहुंचे जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि वो जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। शुभेंदु को ममता के भरोसेमंद नेताओं में गिना जाता है और ऐसे में अगर वो बीजेपी का दामन थामते हैं तो निश्चित तौर पर यह टीएमसी के लिए बड़ा झटका होगा।
रैली से ममता के पोस्टर गायब
राज्य सरकार में परिवहन, सिंचाई और जल संसाधन जैसे अहम विभाग के मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम दिवस के मौके पर टीएमसी से अलग रैली की थी और इस दौरान वहां लगे पोस्टरों और होर्डिंग्स से ममता बनर्जी की तस्वीरें गायब थीं। इस दौरान उन्होने भारत माता की जय के नारे भी लगाए थे। नंदीग्राम वो ही जगह है जहां से ममता ने अपनी सत्ता की जमीन तैयार की थी और महीनों तक यहां उन्होंने लंबा संघर्ष किया था। सुभेंदु के बगावती सुरों को देखते हुए ममता सरकार ने उनके तीन करीबी नेताओं की सुरक्षा हटा ली है।
क्या है नाराजगी की वजह
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो शुभेंदु की नाराजगी की असली वजह टीएमसी में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का दबदबा है। अभिषेक के बढ़ते कद को शुभेंदु स्वीकार करने को तैयार नहीं है। माना जाता है कि बांकुरा, पुरुलिया और बीरभूम के करीब 40 विधानसभा सीटों पर शुभेंदु का ठीक-ठाक प्रभाव है। ऐसे में जब बीजेपी ने राज्य में 200 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, अगर शुभेंदु बीजेपी में आते हैं तो निश्चित तौर पर इसका फायदा पार्टी को मिलना तय है।
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