Sedition law: राजद्रोह कानून को खत्म करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस कानून को एक दिन में खत्म नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में राजद्रोह कानून पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि केस दर्ज होने से नहीं रोक सकते। मेहता ने कहा कि राजद्रोह कानून जिसे संवैधानिक पीठ सही ठहरा चुकी है उस पर रोक लगाना सही कदम नहीं होगा।
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि केंद्र सरकार को राजद्रोह कानून पर दोबारा से विचार करने की जरूरत है। अदालत ने इसके लिए सरकार को जुलाई तक का समय दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि नए केस 124 ए के तहत दर्ज न करें।
सिब्बल की दलील पर नाराज हुई पीठ
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जब अदालत से कहा कि राजद्रोह कानून को आज ही खत्म कर देना चाहिए तो पीठ भड़क गई और कहा कि मिस्टर सिब्बल आप हवा में बात मत करिए। हम कुछ अंतरिम उपायों पर काम कर रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने 124 ए को खत्म किए जाने का विरोध किया है। केंद्र सरकार का कहना है कि अब आगे से 124 ए के तहत जो एफआईआर होगी उसकी जांच पहले एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे। जहां तक लंबित केस का संबंध है वहां अदालत बेल प्रक्रिया में तेजी लाने के संबंध में निर्देश जारी कर सकती है।
हमें अदालतों पर भरोसा करने की जरूरत है-केंद्र
सरकार के वकील मेहता ने कोर्ट से कहा कि जहां तक राजद्रोह के लंबित मामलों का सवाल है तो प्रत्येक केस कितना गंभीर है इसका आंकलन अभी नहीं हो पाया है। हो सकता है कि इनमें आतंकी अथवा मनी लॉन्ड्रिंग का एंगल हो। ये सभी मामले अदालत में हैं और हमें न्यायालयों पर भरोसा करने की जरूरत है।
राजद्रोह कानून पर केंद्र सरकार की दलील, 124 ए को खत्म करना सही नजरिया नहीं
उन्होंने आगे कहा कि राजद्रोह केस जिसे संवैधानिक पीठ सही ठहरा चुकी है, उस पर रोक लगाना सही फैसला नहीं होगा। केंद्र ने कहा कि एक संज्ञेय अपराध में मामला दर्ज करने से नहीं रोका जा सकता।
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