नई दिल्ली : अंतरिक्ष की अथाह ऊंचाइयों ने हमेशा से इनसान को आकर्षित किया है और सोवियत संघ द्वारा इस दिशा में शुरुआत किए जाने के बाद अमेरिका इस होड़ में शामिल हुआ। इसके बाद दुनिया के कई बड़े देशों ने अंतरिक्ष के अन्वेषण की दिशा में काम किया। इस क्षेत्र में भारत ने भी उल्लेखनीय प्रगति की है।
31 जनवरी के दिन का अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में विशेष महत्व है। दरअसल यह अजब संयोग है कि अमेरिका ने 31 जनवरी 1958 को अपना पहला अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में भेजा और वह भी 31 जनवरी का ही दिन था जब नासा ने जीवित प्राणियों पर अंतरिक्ष के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक चिंपांजी को अंतरिक्ष में भेजा। इसके बाद 31 जनवरी को अमेरिका ने मानवयुक्त अपोलो यान को चंद्रमा की तरफ रवाना किया। अंतरिक्ष से जुड़ी यह घटनाएं अलग अलग वर्षों में हुईं, लेकिन दिन एक ही था 31 जनवरी।
1561 : मुग़ल बादशाह अकबर के संरक्षक और मुगल सल्तनत के वफादार सेनापति बैरम ख़ाँ की हत्या
1893 : कोका कोला ट्रेडमार्क का अमेरिका में पहली बार पेटेंट कराया गया। इसे दुनिया के सबसे महंगे ट्रेडमार्क में गिना जाता है।
1958 : अमेरिका ने पहले अंतरिक्ष यान के तौर पर एक्सपलोरर 1 को अंतरिक्ष में भेजा। इसके साथ ही अमेरिका अंतरिक्ष होड़ में शामिल हो गया।
1961: अमेरिका ने जीवित प्राणियों पर अंतरिक्ष के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक चिंपांजी को अंतरिक्ष में भेजा।
1966 : सोवियत संघ ने चंद्रमा पर अपना पहला अंतरिक्ष यान लूना 9 भेजा।
1971 : पूर्वी और पश्चिम जर्मनी के बीच 19 साल के बाद एक बार फिर टेलीफोन सेवा शुरू की गई।
1971 : अमेरिका ने मानवयुक्त अपोलो यान को चंद्रमा की ओर रवाना किया।
2001 : लीबिया के नागरिक अब्दुल बासित अली मोहम्मद अल मेगराही को 1988 की पैन एम उड़ान 103 में विस्फोट करने का दोषी ठहराया गया। दुर्घटना में 270 लोगों की मौत हुई थी।
2010 : हॉलीवुड की दुनियाभर में मशहूर फिल्म ‘अवतार’ ने दो अरब डालर की कमाई का नया रिकार्ड बनाया।
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