नयी दिल्ली: इतिहास की तमाम बड़ी घटनाओं को पीछे छोड़कर कोरोना संक्रमण सदी की सबसे बड़ी घटना के तौर पर इतिहास में दर्ज हो गया। इसके प्रकोप से दुनियाभर में लाखों लोगों की जान चली गई ओर करोड़ों लोग इसके संक्रमण के शिकार हुए। भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर दो बरस पहले पांच अप्रैल को करोड़ों देशवासियों ने दीये, मोमबत्ती और मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट जलाकर कोरोना वायरस के संकट से निपटने में राष्ट्र के 'सामूहिक संकल्प एवं एकजुटता' का बड़े रौशन अंदाज में प्रदर्शन किया।
इतिहास की अन्य घटनाओं की बात करें तो 5 अप्रैल का दिन कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए इतिहास में दर्ज है। इस दिन को मर्चेंट नेवी के लिए नेशनल मैरिटाइम डे के तौर पर मनाया जाता है। देश की आजादी की लड़ाई में 1930 में पांच अप्रैल का दिन महत्वपूर्ण है। इसी दिन महात्मा गांधी अपने समर्थकों के साथ नमक कानून तोड़ने के लिए डांडी पहुंचे थे।
इस दिन की एक अन्य घटना भारतीय सिनेमा से जुड़ी है। दरअसल हिंदी फिल्म जगत की खूबसूरत और प्रतिभाशाली अदाकारा दिव्या भारती की पांच अप्रैल 1993 को रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
1659 : मकसूदाबाद की लड़ाई में शुजा की हार ।
1843: ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया ने हांगकांग को ब्रिटिश कॉलोनी में शामिल करने का ऐलान किया
1908: भारत के पहले दलित उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम का जन्म।
1919 : आधुनिक भारतीय मर्चेंट शिपिंग की शुरूआत। सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी का 5,940 टन का पोत लिबर्टी अपनी पहली यात्रा पर रवाना हुआ।
1930 : गांधी जी नमक कानून तोड़ने के लिए अपने अनुयायियों के साथ डांडी पहुंचे।
1949 : भारत स्काउट्स एंड गाइड्स की स्थापना।
1955: विस्टन चर्चिल ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया।
1961 : सरकार के प्रायोजन वाली पहली फार्मास्यूटिकल कंपनी इंडियन ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड की स्थापना।
1964 : मर्चेंट नेवी के लिए देश में पहली बार नेशनल मेरिटाइम डे मनाया गया।
1976 : अमरीका के सनकी माने जाने वाले अरबपति हॉवर्ड ह्यूज़ का सत्तर वर्ष की आयु में एक विमान दुर्घटना में निधन।
1979: देश का पहला नौसेना संग्रहालय बंबई (अब मुम्बई) में खुला।
1986 : मुनि की रेती में हिलने वाले सबसे बड़े पुल शिवानंदझूला के निर्माण का काम पूरा।
1993 : फिल्म अभिनेत्री दिव्या भारती का अल्पायु में निधन।
1999: मलेशिया में हेंड्रा नामक वायरस से बचाव के लिए 8 लाख 30 हजार सुअरों को जान से मारने के अभियान की शुरुआत की गई।
2020 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर देश के करोड़ों लोगों ने रात नौ बजे अपने घरों की तमाम बत्तियां बुझाकर मोमबती, दिए और मोबाइल फोन की फ्लेश लाइट जलाई और इस तरह कोरोना महामारी के खिलाफ संघर्ष में एकजुटता का प्रदर्शन किया।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।