आज का इतिहास, 13 नवंबर: आज ही के दिन पेरिस पर आतंकी हमले में हुई थी 130 की मौत

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Updated Nov 13, 2021 | 06:00 IST

Today History 13 November in Hindi (आज का इतिहास): देश दुनिया के इतिहास में 13 नवंबर के दिन को भी सदा याद रखा जाएगा। यहां जानिए आज के दिन क्या-क्या हुआ। 

paris terror attack
साल 2015 में आतंकवादियों ने पेरिस पर घातक हमला किया था (फाइल फोटो) 

नयी दिल्ली: तेरह नवंबर का दिन फ्रांस के लिए काफी दुखद है। 2015 में 13 नवंबर को आतंकवादियों ने पेरिस को निशाना बनाया था और फ्रांस के इस खूबसूरत राजधानी शहर के सीने पर कई जख्म दिए थे।आतंकवादियों ने तीन जगह बड़े हमलों को अंजाम दिया था, जिनमें कम से कम 130 लोगों की मौत हुई थी और 350 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। सबसे घातक हमला बातेक्लां थिएटर और कंसर्ट हॉल पर किया गया था, जहां आतंकवादियों ने 100 से ज्यादा लोगों को घेरकर गोलियां मारी थी।

यहां 80 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। इसके अलावा दो रेस्तरां और एक स्टेडियम को भी निशाना बनाया गया था। इस दौरान गोलीबारी के साथ-साथ विस्फोट भी किए गए थे।

देश दुनिया के इतिहास में आज की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-

1780: पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह का गुजरांवाला में जन्म। यह स्थान अब पाकिस्तान में है।
1969: लंदन के एक अस्पताल में एक महिला ने पांच बच्चों को जन्म दिया। क्वीन कार्लेट अस्पताल में शताब्दी में पहली बार एक साथ पांच बच्चों का जन्म।
1971: अमेरिका के अंतरिक्ष यान मैरियर-9 ने मंगल ग्रह का चक्कर लगाया। यह पहला मौका था, जब पृथ्वी से भेजे गए किसी यान ने किसी दूसरे ग्रह का चक्कर लगाया। करीब एक महीने बाद वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह की साफ़ तस्वीरें दिखाई दीं।
1979: एक साल तक बंद रहने के बाद ‘टाइम्स’ अखबार का प्रकाशन फिर से शुरू हुआ। दरअसल नई प्रौद्योगिकी की शुरुआत और अन्य मुद्दों पर प्रबंधन तथा यूनियनों के बीच विवाद के चलते अखबार का प्रकाशन रोक दिया गया था।
1985 : कोलंबिया में ज्वालामुखी फटने से 23,000 से ज्यादा लोगों की मौत।
1997: सुरक्षा परिषद ने इराक पर यात्रा प्रतिबंध लगाए।
1998: तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा और अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने मुलाकात की। चीन के भारी विरोध के बावजूद यह मुलाकात तय कार्यक्रम के अनुसार हुई।
2015 : आतंकवादियों ने पेरिस पर घातक हमला किया। 130 लोगों की मौत, 350 से ज्यादा घायल।
2019: भारतीय उच्चतम न्यायालय ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश का कार्यालय सार्वजनिक प्राधिकरण है और यह सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आता है।

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