नयी दिल्ली। बंटवारे का दर्द सदा दुख देता है और साल के दसवें महीने का 16वां दिन बंगाल के बंटवारे की दुखदायी घटना से जुड़ा है। 16 अक्टूबर 1905 को हुआ बंगाल का विभाजन राष्ट्र के इतिहास में एक मोड़ ले आया और इसका हर ओर भारी विरोध हुआ। इस दिन को विरोध दिवस के रूप में मनाया गया और ढेरों जुलूस निकाले गए तथा हर तरफ वन्दे मातरम् के नारे गूंज उठे।
दरअसल बंगाल का विभाजन जैसे पूरे देश को एक कर गया और स्कूल कॉलेज से लेकर नुक्कड़ चौराहों तक विरोध प्रदर्शन किए गए। इस दौरान विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं के प्रचार की आंधी ने अंग्रेज सरकार को हिलाकर रख दिया। बाद में इस फैसले को वापस लेने का निर्णय किया गया, लेकिन अंग्रेजों के खिलाफ विरोध की जो लहर उठी थी, वह और बलवती होती रही।
देश-दुनिया के इतिहास में 16 अक्टूबर की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-
1788 : मराठों ने शाह आलम को दिल्ली की गद्दी पर बिठाया।
1868 : डेनमार्क ने निकोबार द्वीप समूह के अधिकार ब्रिटेन को बेचे और इसके साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप से डेनमार्क के दखल का आखिरी निशान भी मिट गया।
1905 : भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड कर्जन के आदेश पर बंगाल का विभाजन।
1934 : चीन के कम्युनिस्टों ने दस हजार किलोमीटर की यात्रा शुरू की, जिससे कम्युनिस्ट क्रांति का आधार दक्षिण-पूर्व चीन से बदलकर उत्तर पश्चिम चीन हो गया और माओ त्से तुंग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अविवादित नेता के रूप में उभरे।
1942 : बंगाल में आए प्रलयंकारी तूफान में 40 हजार लोगों की मौत।
1951: पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली की एक जनसभा के दौरान हत्या कर दी गई।
1964 : परमाणु स्पर्धा में शामिल होने को उत्सुक चीन ने अपने पहले परमाणु बम का सफल परीक्षण किया।
1978 : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने पाकिस्तान में फैसलाबाद टेस्ट से अपने क्रिकेट जीवन की शुरुआत की ।
2020 : कविताओं के शानदार पाठ को लेकर मशहूर बंगाली प्रस्तोता प्रदीप घोष का निधन।
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