GHMC: टीआरएस बनी बड़ी पार्टी लेकिन निगम की सत्ता से दूर, आखिर क्या है विकल्प

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में टीआरएस बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। लेकिन 98 के जादुई आंकड़े से पीछे रह गई है। ऐसे में टीआरएस के पास क्या विकल्प है।

GHMC: टीआरएस बनी बड़ी पार्टी लेकिन निगम की सत्ता से दूर, आखिर क्या है विकल्प
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में टीआरएस बड़ी पार्टी बनी 

हैदराबाद। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के नतीजों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं है। इस दफा के चुनाव में टीआरएस बड़ी पार्टी के तौर पर एक बार फिर सामने आई है लेकिन निगम की सत्ता पर काबिज होने के लिए आवश्यक सीटों की कमी है। अब ऐसे में टीआरएस के सामने विकल्प क्या है उसे जानना और समझना जरूरी है।

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में कुल 150 सीटों पर चुनाव हुए और 45 पदेन सदस्य हैं। इस तरह से कुल 195 सदस्य हैं। निगम पर काबिज होने के लिए किसी भी दल के पास 98 पार्षदों का समर्थन जरूरी है। टीआरएस के पास कुल 31 पदेन सदस्य हैं इस तरह से टीआरएस के पास 86 पार्षद हैं लेकिन बहुमत से वो दूर है। इसका अर्थ यह है कि टीआरएस के लिए एआईएमआईएम या बीजेपी के समर्थन की दरकार होगी।

जानकार कहते हैं कि अगर टीआरएस ओवैसी की पार्टी से समर्थन लेती है तो एआईएमआईएम मेयर या डिप्टी मेयर की मांग कर सकती है, बता गें कि राज्य सरकार मे मेयर की सीट को सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित कर रखा रखा है। इस चुनाव की खास बात यह रही कि बीजेपी ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया है। बीजेपी दूसरे नंबर की पार्टी बन गई। अगर नतीजों को देखें तो टीआरएस की सीटों में बीजेपी ने जबरदस्त सेंधमारी की है। पिछले चुनाव में बीजेपी को महज 4 सीट मिली थी लेकिन इस दफा 48 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही। 

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