नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कई क्षेत्रीय नेता खुद को केंद्र में स्थापित करने की जुगत भिड़ा रहे हैं। इस लिस्ट में अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री और TRS के नेता के. चंद्रशेखर राव यानी KCR का नाम भी शामिल हो चुका है। KCR ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच राष्ट्रीय राजनीति, केंद्र की नीतियों, संघीय व्यवस्था, भारत के विकास में राज्यों का योगदान सहित कई अहम मुद्दों को लेकर बातचीत हुई।
इसके बाद केजरीवाल और भगवंत मान के साथ वो चंडीगढ पहुंचे। उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने किसानों से कहा कि वे तब तक आंदोलन करते रहें जब तक कि उन्हें MSP की संवैधानिक गारंटी नहीं मिल जाती। केजरीवाल से मुलाकात के एक दिन पहले TRS नेता चंद्रशेखर राव ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से भी मुलाकात कर राष्ट्रीय राजनीति पर चर्चा की थी.. माना जा रहा है चंद्रशेखर की ये कवायद थर्ड फ्रंट खड़ा करने को लेकर है।
इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने चंडीगढ़ में गलवान घाटी के शहीदों और किसान आंदोलन में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में तेलांगना के सीएम चंद्रशेखर राव, पंजाब के सीएम भगवंत मान और किसान नेता राकेश टिकैत भी मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, 'आज हम आप सबको सम्मान राशि तो देंगे लेकिन अपना कोई चला जाता है तो उसकी कोई क़ीमत नहीं होती। हमें गर्व है उन लोगों पर जिन लोगों ने गलवान घाटी में अपनी शहादत दी। जिन किसानों ने देश केअंदर अपनी किसानी बचाने के लिए एक साल तक संघर्ष किया और शहदत दी ये आंदोलन पूरे देश का था इसी लिए तेलंगाना के CM आप सबको सम्मान राशि देने के लिए तेलंगाना से आए हैं।'
केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'पंजाब सरकार पहले ही सम्मान राशि दे चुकी थी ये दिखता है कि पूरा देश आपके साथ है । जब किसान दिल्ली आ रहे थे रास्ते में थे तभी हमारे पास केंद्र सरकार से एक फ़ाइल आइ कि किसान दिल्ली की तरफ़ आ रहे हैं इन कसनों को गिरफ़्तार करने के लिए जितने दिल्ली में स्टेडियम हैं उन्हें जेल बनाना है ताकि जब किसान दिल्ली में आएँगे तो उन्हें क़ैद कर लेंगे क्योंकि जो मौजूदा जेल हैं वो इतनी बड़ी नहीं थी । मैन भी अन्ना आंदोलन से निकला हुआ हूँ । मैं भी कई कई दिन स्टेडियम में क़ैद रहा हूँ । मैं समझ गया की जे किसान आंदोलन को ख़त्म करने कोशिश है । हमने ये करने से मना कर दिया उसके बाद ये हमसे बहुत नाराज़ हुए।'
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