नई दिल्ली: अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के मसले पर शनिवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि ये एक निष्पक्ष और दिव्य निर्णय है। उन्होंने इसके लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का भी धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने ही छद्म धर्मनिरपेक्षता को चुनौती दी थी। वो आडवाणी से मिलने उनके आवास पर पहुंचीं।
उमा भारती ने कहा, 'कोर्ट ने एक निष्पक्ष किंतु दिव्य निर्णय दिया है। मैं आडवाणी जी के घर में उनको मत्था टेकने आई हूं, आडवाणी जी ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने छद्म धर्मनिरपेक्षता को चैलैंज किया था...उन्हीं की बदौलत आज हम यहां तक पहुंचे हैं।'
इससे पहले फैसले के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस दिव्य फैसले का स्वागत। माननीय अशोक सिंघल जी को स्मरण करते हुए उनको शत्-शत् नमन। वह सब, जिन्होंने इस कार्य के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी उन्हें श्रद्धांजलि एवं आडवाणी जी का अभिनंदन जिनके नेतृत्व में हम सब लोगों ने इस महान कार्य के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया था।'
उन्होंने कहा, 'मैं हिमालय, उत्तराखंड गंगा किनारे से अभी-अभी दिल्ली पहुंची हूं। आज बीजेपी के पदाधिकारियों की बैठक है। रास्ते में ही मैंने यह फैसला सुना तो मैं सबसे पहले आडवाणी जी के घर पहुंचना चाहती हूं, मैं उन्हें प्रणाम करूंगी एवं उन्होंने जो सीख दी है, उस पर आगे भी चलूंगी। आडवाणी जी ही वह भारतीय राजनीति के पुरोधा हैं जिन्होंने छद्म धर्मनिरपेक्षता Vs राष्ट्रवाद की बहस भारत के राजनीति के पटल पर छेड़ी थी। उसी बहस के मंथन में से अयोध्या आंदोलन आगे बढ़ा।'
भारती ने कहा कि भारत की राजनीति में आडवाणी जी वह पहले नेता थे जिन्होंने छद्म धर्मनिरपेक्षता की चूलें हिला कर रख दी थी। उन्हीं के कारण आज भाजपा इस मुकाम पर है। लोगों ने जाति-संप्रदाय तथा वर्ग भेद से ऊपर उठकर मोदी जी का साथ दिया। आज हमारी पार्टी सत्ता की शीर्ष पर है, दुनिया में मोदी जी की जय-जयकार है, भारत परम वैभव तथा परम शक्तिशाली राष्ट्र होने की ओर है, इसकी नींव में जो रत्न थे, उनमें से एक जगमगाता हुआ रत्न है माननीय आडवाणी जी।
एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, 'आज-अभी कुछ मिनटों में जब मैं उनके सामने खड़ी होंगी, तो मुझे लगेगा ही नहीं कि हिमालय पीछे छूट गया है, क्योंकि वो हिमालय जैसे ही हैं- महान और शीतल। ईश्वर उन्हें शतायु करे एवं स्वस्थ रखे।'
सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति के फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया और केंद्र को निर्देश दिया कि मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ का भूखंड आबंटित किया जाए।
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