बिहार में अभी कुछ दिनों पहले चोर 60 फुट लंबे स्टील के पुल को चुरा ले गए और विभाग को पता ना चला। इलाके के लोगों का कहना था कि जब भी वो लोग पूछते थे कि आप लोग किसके लिए काम कर रहे हो तो जवाब आता था सरकार के लिए। लेकिन जब उनकी हरकतों पर संदेह हुआ तो उन लोगों ने विभाग को जानकारी दी और तब जाकर पता चला कि वो कर्मचारी नहीं बल्कि चोर थे। कुछ इसी तरह का पुल से ही जुड़ा मामला सुल्तानगंज से है। निर्माणाधीन पुल भरभरा कर गिर पड़ा और सुशासन की पोल खोलता नजर आया।
किसी को नहीं बख्शेंगे
सुल्तानगंज जदयू विधायक ललित नारायण मंडल ने कहा कि हमने सीएम को सूचित किया है और जांच शुरू की जाएगी। लगता है निर्माण के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि इसके लिए जो कोई भी जिम्मेदार होगा उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सरकार की मंशा साफ है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। इस मामले में यह देखने वाली बात है कि किस स्तर पर चूक हुई है। अगर ऊपरी स्तर पर भ्रष्टाचार के सबूत मिलते हैं तो भी कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि यह कोई अकेले की घटना नहीं है। इस मामले में पुल का एक हिस्सा गिर गया लिहाजा यह खबर बनी। अगर आप बिहार में किसी भी विभाग को देखें तो कहने के लिए है कि भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था है। लेकिन जमीनी सच्चाई किसी से छिपी हुई नहीं है। हाल ही में जब चोर करीब 60 फुट लंबे स्टील ब्रिज को गैस कटर की मदद से काट ले गए तो भी प्रशासन को भनक तब लगी जब लोगों ने जानकारी दी।
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