केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम के अमिनगांव में जनगणना कार्यालय का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि नीति निर्माण में जनगणना की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। केवल जनगणना ही बता सकती है कि विकास, एससी और एसटी की स्थिति क्या है और पहाड़ों, शहरों और गांवों में लोगों की जीवनशैली कैसी है। गृह मंत्रालय ने जनगणना को और अधिक वैज्ञानिक बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों को जोड़ने का फैसला किया है। अगली जनगणना ई-जनगणना होगी, शत-प्रतिशत पूर्ण जनगणना।
उन्होंने कहा कि जन्म के बाद विवरण जनगणना रजिस्टर में जोड़ा जाएगा और 18 वर्ष की आयु के बाद नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा और मृत्यु के बाद नाम हटा दिया जाएगा। नाम/पता परिवर्तन आसान होगा, यह सब लिंक हो जाएगा। जन्म और मृत्यु रजिस्टर को जनगणना से जोड़ा जाएगा। 2024 तक प्रत्येक जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किया जाएगा जिसका अर्थ है कि हमारी जनगणना अपने आप अपडेट हो जाएगी।
शाह ने कहा कि अगली ई-जनगणना अगले 25 वर्षों की नीतियों को आकार देगी। सॉफ्टवेयर के लॉन्च होने पर सभी विवरण ऑनलाइन भरने वाले मैं और मेरा परिवार पहले होंगे।
गृह मंत्री ने कहा कि अगर बजट की प्लानिंग जनगणना द्वारा रेखांकित विकास के नक्शे के आधार पर हो तो समस्याओं का समाधान अपने आप हो जाएगा। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू से ही जनगणना को बहुत महत्व दिया है। मोदी सरकार ने तय किया है कि आधुनिक तकनीक से जनगणना को और सटीक, साइंटिफिक व बहुआयामी बनाया जाएगा। साथ ही इसके डेटा के विश्लेषण की उचित व्यवस्था होगी। सामाजिक संरचना में होते बदलावों और देश की विभिन्न भाषा-संस्कृतियों का परिचय भी जनगणना कराती है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।