नई दिल्ली। पांच जनवरी को नकाबपोशों की गुंडागर्दी से जेएनयू कैंपस चर्चा के केंद्र में आ गया। कुल 34 छात्र घायल हुए थे जिसमें छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल थीं। जेएनयू कैंपस में हिंसा के लिए एक दूसरे पर आरोपों के तीर चलाए जा रहे हैं और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच कर रही है हालांकि अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि जांच में नकाब जल्द ही बेनकाब होगा।
प्रकाश जावडेकर ने कहा कि कि जेएनयू के छात्रों ने महिला प्रोफेसर के साथ बदसलूकी की। एक वार्डेन को इस्तीफा देने के लिए बाध्य किया गया। कांग्रेस का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय जेएनयू में हिंसा के लिए जिम्मेदार है। जेएनयू कैंपस में जिस दिन हिंसा हुई उससे एक दिन पहले क्या हुआ था। विरोधी दलों को यह भी बताने की जरूरत है। लेकिन उल्टा चोर कोतवाल को डाटने जैसा है।
जिस कांग्रेस पार्टी की अगुवाई एक महिला कर रही है उसके नेताओं की जुबां से इस तरह की बातें निकलती हैं। बीजेपी इसकी निंदा करती है और कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए। सवाल ये है कि क्या सोनिया गांधी इस तरह के बयानों का अनुमोदन करती हैं। उन्हें जवाब देना ही होगा क्योंकि वो खुद औरत हैं। जावडेकर कहते हैं कि बिना सत्ता के कांग्रेस रह ही नहीं सकती है। यही नहीं मौजूदा सरकार की तरफ से जो ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं उसके बाद कांग्रेस बुरी तरह से बौखला गई है और छात्रों के कंधों पर बंदूक रखकर निशाना साध रही है।
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