नई दिल्ली। उन्नाव गैंगरेप केस में पीड़िता के पिता की हत्या मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को 10 साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही सभी दोषियों पर 10 -10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या और आपराधिक साजिश के तहत दोषी माना था। कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई गई है।
कानून के फंदे से बच न सके कुलदीप सेंगर
कुलदीप सिंह सेंगर और उनके कुछ समर्थकों पर आरोप लगा था कि उन्होंने पीड़िता के पिता को माखी थाने बुलवाया और केस वापस लेने का दबाव बनाया। लेकिन जब पीड़िता के पिता ने केस वापस लेने से मना कर दिया तो थाने में ही उन्हें बेरहमी के साथ पीटा गया और उसकी वजह से उनकी मौत हो गई। इस विषय को लेकर सूबे की सियासत गर्माई और विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने की कोशिश में जुट गई है।
उन्नाव गैंगरेप केस में कई मोड़ आए
उन्नाव गैंगरेप केस में कई मोड़ आए थे। पीड़िता ने सूबे के यूपी सरकार से कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ कार्रवाई की अपील की थी। लेकिन जब उसकी शिकायत अनसूनी कर दी गई तो उसने आत्मदाह की कोशिश भी थी। विपक्ष के बढ़ते दबाव के बाद कुलदीप सिंह सेंगर को बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। लेकिन यह कहानी किसी और सफर के लिए निकल चुकी थी।
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