लखनऊ : उन्नाव रेप पीड़िता का रविवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। लखनऊ मंडलायुक्त और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ओर से आश्वासन मिलने के बाद पीड़िता का रविवार को अंतिम संस्कार किया। इससे पहले पीड़िता के परिजन ने कहा था कि वे पीड़िता का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने नहीं आते। बाद में कड़ी सुरक्षा के बीच गांव के बाहर एक खेत में शव को दफना दिया गया। अंतिम संस्कार में मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरुण के अलावा मेश्राम तथा अन्य आला अधिकारी भी शामिल हुए।
बता दें कि 90 फीसद से ज्यादा जल चुकी पीड़िता की मौत छह दिसंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। रेप केस के आरोपियों ने कोर्ट जाते समय पीड़िता पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा दी। इसके बाद इलाज के लिए पीड़िता को एयरएंबुलेंस से दिल्ली लाया गया। पीड़िता की मौत हो जाने के बाद परिवार उसके अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं था। परिवार का कहना था कि जब तक उसकी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक पीड़िता का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
अब उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्नाव पीड़िता के परिवार की मांगें मान ली है। पीड़ित परिवार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो आवास, पीड़िता की बहन को सरकारी नौकरी, 25 लाख रुपए का मुआवजा, पीड़िता के भाई को हथियार का लाइसेंस और परिवार को 24 घंटे सुरक्षा देने की मांग की है।
इस घटनाक्रम पर लखनऊ के कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने कहा, 'हम पीड़िता की बहन की नौकरी की व्यवस्था करेंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार को दो आवास दिए जाएंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।'
उन्होंने कहा कहा कि प्रशासन ने पीड़िता के बहन को 24 घंटे सुरक्षा देने का फैसला किया है। साथ ही परिवार को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी। पीड़िता के भाई ने आत्मरक्षा के लिए हथियार का लाइसेंस देने की मांग की है उसकी इस मांग को भी मान लिया गया है। शुक्रवार को अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो जाने के बाद उसके शव को शनिवार रात गांव लाया गया।
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